राष्ट्रपति ने सुधारों को बताया राष्ट्रनिर्माण का आधार
संविधान दिवस के अवसर पर देशभर में आयोजित कार्यक्रमों के बीच भारत के संविधान को 9 नई भाषाओं में आधिकारिक रूप से जारी किया गया। इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य संविधान की पहुंच को और विस्तृत करना तथा देश के विभिन्न भाषाई समुदायों को इससे सीधे जोड़ना है। सरकार का मानना है कि संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि भारत के विविध समाज को जोड़ने वाली मूल धुरी है, ऐसे में यह सभी भाषाओं में उपलब्ध होना आवश्यक है।
कार्यक्रम के मुख्य समारोह में राष्ट्रपति ने संबोधन में कहा कि संविधान को अधिक भाषाओं में उपलब्ध कराना भारत की लोकतांत्रिक भावना को और सशक्त करता है। उन्होंने तीन तलाक को समाप्त किए जाने के निर्णय को महिलाओं के सम्मान और समान अधिकारों की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया। राष्ट्रपति ने कहा कि यह बदलाव सामाजिक सुधार और न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिसने कई महिलाओं को असुरक्षा और अन्याय से मुक्ति दिलाई।
इसके साथ ही उन्होंने GST प्रणाली की सराहना करते हुए इसे देश की आर्थिक एकता और सुगम व्यापार का आधार बताया। राष्ट्रपति का कहना था कि GST ने भारत के आर्थिक ढांचे को सरल और पारदर्शी बनाकर राज्यों के बीच व्यापारिक बाधाओं को कम किया है। इससे न केवल आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है, बल्कि कर प्रणाली भी सुचारू हुई है।
समारोह में संविधान के मूल मूल्य—न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे—को दोहराते हुए नागरिकों का आह्वान किया गया कि वे इन सिद्धांतों को जीवन में अपनाएँ। विभिन्न संस्थानों में भी विशेष कार्यक्रम, संगोष्ठियाँ और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें संविधान के महत्व और इसके व्यापक स्वरूप पर चर्चा की गई।












