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विदेश मंत्री डॉ. S. जयशंकर ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से की भेंट, भारत-रूस संबंधों को और गहराई मिलेगी

विदेश मंत्री डॉ. S. जयशंकर ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से की भेंट, भारत-रूस संबंधों को और गहराई मिलेगी

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से की भेंट, भारत-रूस संबंधों को और गहराई मिलेगी

मॉस्को में भारत-रूस संबंधों को नए आयाम देने के प्रयास तेज़ हो गए हैं। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने गुरुवार को क्रेमलिन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाक़ात की। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।

जयशंकर ने पुतिन को अपनी रूस यात्रा के दौरान हुई उच्चस्तरीय वार्ताओं की जानकारी दी। विदेश मंत्री ने बताया कि उन्होंने रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंतुरोव और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से विस्तृत चर्चा की है। इन चर्चाओं में व्यापार, निवेश, ऊर्जा सहयोग, रक्षा समझौते और नई तकनीक साझेदारी जैसे अहम मुद्दों पर सकारात्मक संवाद हुआ।

उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच होने वाला वार्षिक शिखर सम्मेलन द्विपक्षीय संबंधों को और सशक्त बनाएगा और उसकी तैयारियाँ पूरे जोर-शोर से चल रही हैं। यह शिखर वार्ता दोनों देशों के नेताओं के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देने का अवसर होगी।

विदेश मंत्री डॉ. S. जयशंकर ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से की भेंट, भारत-रूस संबंधों को और गहराई मिलेगी
विदेश मंत्री डॉ. S. जयशंकर ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से की भेंट, भारत-रूस संबंधों को और गहराई मिलेगी

राष्ट्रपति पुतिन ने वैश्विक परिदृश्य और मौजूदा अंतरराष्ट्रीय संकटों, विशेषकर यूक्रेन के हालात पर अपने दृष्टिकोण साझा किए। जयशंकर ने इस पर भारत की संतुलित और स्वतंत्र विदेश नीति का भी उल्लेख किया।

विशेषज्ञ मानते हैं कि इस मुलाक़ात से यह स्पष्ट संदेश गया है कि बदलते भू-राजनीतिक हालात के बावजूद भारत और रूस के रिश्ते ऐतिहासिक मजबूती के साथ आगे बढ़ रहे हैं। आने वाले महीनों में ऊर्जा, अंतरिक्ष, रक्षा उत्पादन और विज्ञान-तकनीक जैसे क्षेत्रों में नए समझौते होने की संभावना है।

भारत-रूस की यह नजदीकी न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि वैश्विक कूटनीतिक संतुलन के लिहाज से भी अहम मानी जा रही है।

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Rudra ji