प्रधानमंत्री मोदी ने गहरे समुद्री मत्स्य पालन और समुद्री निर्यात पर जोर देते हुए मत्स्य पालन क्षेत्र की प्रगति की समीक्षा की
नई दिल्ली, 15 मई 2025 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र की अब तक की प्रगति की समीक्षा की गई और इसके भविष्य की दिशा तय करने पर चर्चा की गई। इस बैठक में गहरे समुद्री मत्स्य पालन (Deep-Sea Fishing) को बढ़ावा देने और समुद्री उत्पादों के निर्यात को दोगुना करने पर विशेष जोर दिया गया।
महत्वपूर्ण बिंदु:
गहरे समुद्री मत्स्य पालन पर ध्यान: सरकार उन्नत तकनीक वाले मछली पकड़ने वाले जहाजों को बढ़ावा देने जा रही है, जो 200 समुद्री मील या उससे अधिक की दूरी तक जाकर बेहतर गुणवत्ता की मछलियों का शिकार कर सकें। इससे न केवल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि विदेशी मुद्रा अर्जन में भी इज़ाफा होगा।
निर्यात लक्ष्य: वर्तमान में भारत लगभग ₹60,000 करोड़ मूल्य का समुद्री उत्पाद निर्यात करता है। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में यह आंकड़ा ₹1 लाख करोड़ तक पहुंचाया जाए।
डिजिटल पहल: 2024 में शुरू किया गया ‘नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफॉर्म’ (NFDP) डेटा संग्रहण, सरकारी योजनाओं की पहुंच और नीति निर्माण को और प्रभावी बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
अंडमान-निकोबार में ट्यूना मछली पर फोकस: भारत वैश्विक $42 अरब के ट्यूना बाजार में अपनी भागीदारी बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के 6 लाख वर्ग किमी के विशेष आर्थिक क्षेत्र में करीब 64,500 मीट्रिक टन ट्यूना मछली की संभावना है।
सतत विकास और पर्यावरण संतुलन: सरकार ऐसे मत्स्य पालन को बढ़ावा देना चाहती है, जो पर्यावरण के अनुकूल हो और समुद्री जैव विविधता को नुकसान न पहुंचाए।
शेयर बाजार पर असर: प्रधानमंत्री की इस समीक्षा बैठक के बाद निवेशकों में उत्साह देखा गया। देश की प्रमुख मछली पालन कंपनी ‘Avanti Feeds’ के शेयरों में 2.26% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि “मछुआरों की समृद्धि और नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) का विकास, आत्मनिर्भर भारत के सपने की महत्वपूर्ण कड़ी है।”
नेशनल कैपिटल टाइम्स ;