भारत में पहली बार ई-ट्रक इंसेंटिव स्कीम की शुरुआत: हरित परिवहन की ओर एक बड़ा कदम
नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ग्रीन मोबिलिटी विजन को आगे बढ़ाते हुए भारत सरकार ने देश की पहली E-Trucks इंसेंटिव योजना का शुभारंभ कर दिया है। इस क्रांतिकारी पहल की शुरुआत केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने की, जो देश में मालवाहन क्षेत्र को हरित और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
योजना की मुख्य बातें:
सरकार द्वारा प्रत्येक इलेक्ट्रिक ट्रक के लिए ₹9.6 लाख तक का इंसेंटिव दिया जाएगा।
इस योजना से लगभग 5,600 ई-ट्रकों की तैनाती का लक्ष्य रखा गया है, जिससे डीज़ल आधारित मालवाहन की निर्भरता घटेगी।
खासतौर पर दिल्ली के लिए 1,100 ई-ट्रकों का प्रावधान किया गया है, जिस पर लगभग ₹100 करोड़ का विशेष बजट आवंटित हुआ है। इसका उद्देश्य राजधानी की गंभीर वायु गुणवत्ता को सुधारना है।

योजना के उद्देश्य:
नेट-ज़ीरो फ्रेट ट्रांजिशन: देश को 2070 तक नेट ज़ीरो कार्बन एमिशन के लक्ष्य की ओर ले जाना।
#MakeInIndia को बढ़ावा: स्वदेशी ई-ट्रक निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे रोजगार सृजन और औद्योगिक विकास को बल मिलेगा।
शहरी प्रदूषण में कमी: विशेष रूप से दिल्ली जैसे शहरों में जहां वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है।
सरकार की मंशा:
एच. डी. कुमारस्वामी ने कहा, “यह योजना भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बनाने की दिशा में मील का पत्थर है। इससे न केवल प्रदूषण में कमी आएगी बल्कि घरेलू निर्माण और हरित प्रौद्योगिकी को भी नई ऊंचाई मिलेगी।”
क्या है आगे की राह?
सरकार आने वाले वर्षों में इस स्कीम के अंतर्गत निजी और सार्वजनिक लॉजिस्टिक्स कंपनियों को प्रेरित करेगी कि वे पारंपरिक ट्रकों की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाएं। इससे पेट्रोलियम आयात पर निर्भरता भी कम होगी और टिकाऊ विकास के लक्ष्य पूरे होंगे।
ई-ट्रक इंसेंटिव स्कीम प्रधानमंत्री मोदी की हरित भारत की परिकल्पना को जमीन पर साकार करने की दिशा में एक ठोस कदम है। दिल्ली सहित पूरे देश में यह योजना पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और उद्योग – तीनों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है।