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हरदीप सिंह पुरी का भारत फाउंडेशन के 16वें स्थापना दिवस पर ऊर्जा सुरक्षा और हरित ऊर्जा पर अहम संवाद

हरदीप सिंह पुरी का भारत फाउंडेशन के 16वें स्थापना दिवस पर ऊर्जा सुरक्षा और हरित ऊर्जा पर अहम संवाद

हरदीप सिंह पुरी का भारत फाउंडेशन के 16वें स्थापना दिवस पर ऊर्जा सुरक्षा और हरित ऊर्जा पर अहम संवाद

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भारत फाउंडेशन के 16वें स्थापना दिवस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण संवाद में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने भारत की ऊर्जा सुरक्षा और हरित ऊर्जा की दिशा में प्रगति को लेकर व्यापक चर्चा की। कार्यक्रम में कई जाने-माने विचारक, पूर्व सहकर्मी, थिंक टैंक के सदस्य और बुद्धिजीवी भी उपस्थित थे।

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के निर्णायक और दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने ऊर्जा क्षेत्र में जो आत्मविश्वास और रणनीतिक दृष्टि दिखाई है, वह अभूतपूर्व है। भारत अब उस सुस्ती और नीतिगत जड़ता से पूरी तरह उबर चुका है जिसे ‘खोई हुई दशक’ (Lost Decade) कहा जाता था। आज भारत की विकास गाथा पूरी दुनिया में गूंज रही है और हम जापान को पीछे छोड़कर विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं।

उन्होंने बताया कि भारत:

दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा और तेल उपभोक्ता है।

चौथा सबसे बड़ा रिफाइनर है।

चौथा सबसे बड़ा एलएनजी (LNG) आयातक है।

हरदीप पुरी ने आगे कहा कि वर्ष 2047 तक भारत की ऊर्जा की मांग 2.5 गुना बढ़ने की संभावना है, और आने वाले समय में वैश्विक ऊर्जा मांग में 25% हिस्सेदारी भारत की होगी। इस दिशा में भारत की रणनीति स्पष्ट है।

भारत की ऊर्जा नीति तीन प्रमुख स्तंभों पर आधारित है:

1. उपलब्धता (Availability)

2. सुलभता (Affordability)

3. सततता (Sustainability)

हरदीप पुरी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने इन तीनों चुनौतियों को संतुलित तरीके से साधते हुए, दुनिया भर में जारी एक के बाद एक भू-राजनीतिक संकटों के बावजूद, ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।

उन्होंने कहा कि भारत की यह यात्रा प्रधानमंत्री मोदी के ‘ऊर्जा आत्मनिर्भरता’ और ‘हरित ऊर्जा’ के मजबूत संकल्प की स्पष्ट झलक दिखाती है, जो भारत को वैश्विक स्तर पर ऊर्जा के क्षेत्र में एक अग्रणी शक्ति बनाने की ओर बढ़ा रही है।

हरदीप सिंह पुरी के इस संबोधन ने भारत की ऊर्जा नीति और हरित भविष्य के प्रति देश की प्रतिबद्धता को एक बार फिर मजबूती से रेखांकित किया। भारत अब न केवल अपनी जरूरतें पूरी करने में सक्षम है, बल्कि वैश्विक ऊर्जा बाजार में भी एक प्रभावशाली खिलाड़ी के रूप में उभर चुका है।

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Rudra ji