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दिल्ली सरकार का ऐतिहासिक फैसला: ओलंपिक विजेताओं को ₹7 करोड़ तक की इनामी राशि और सरकारी नौकरी

दिल्ली सरकार का ऐतिहासिक फैसला: ओलंपिक विजेताओं को ₹7 करोड़ तक की इनामी राशि

दिल्ली सरकार का ऐतिहासिक फैसला: ओलंपिक विजेताओं को ₹7 करोड़ तक की इनामी राशि और सरकारी नौकरी

नई दिल्ली, 23 जुलाई 2025
दिल्ली के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली सरकार ने खिलाड़ियों और युवाओं के भविष्य को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब तक देश में किसी भी राज्य सरकार द्वारा ओलंपिक और पैरालंपिक विजेताओं को इतनी बड़ी आर्थिक सहायता और सरकारी पद का आश्वासन नहीं दिया गया था।

 कैबिनेट बैठक में हुआ फैसला

दिल्ली सचिवालय में आयोजित राज्य कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस फैसले के तहत, ओलंपिक और पैरालंपिक पदक विजेता खिलाड़ियों को मिलने वाली इनामी राशि को तीन गुना से अधिक बढ़ा दिया गया है।

नई इनामी राशि इस प्रकार है:

मेडल पुरानी राशि नई राशि

🥇 गोल्ड ₹3 करोड़ ₹7 करोड़
🥈 सिल्वर ₹2 करोड़ ₹5 करोड़
🥉 ब्रॉन्ज ₹1 करोड़ ₹3 करोड़

यह घोषणा खिलाड़ियों के लिए सिर्फ पुरस्कार नहीं, बल्कि उन्हें एक गरिमामयी जीवन और सामाजिक सम्मान देने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।

 सरकारी नौकरी की गारंटी भी

सरकार ने यह भी घोषणा की है कि:

गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को दिल्ली सरकार में ग्रुप-A पदों पर सीधी नियुक्ति दी जाएगी।

ब्रॉन्ज मेडल विजेताओं को ग्रुप-B श्रेणी में नौकरी दी जाएगी।

इससे खिलाड़ियों को सिर्फ तात्कालिक आर्थिक लाभ नहीं, बल्कि जीवनभर की सुरक्षा और स्थायित्व भी मिलेगा।

अन्य खेल प्रतियोगिताओं के लिए भी व्यवस्था

दिल्ली सरकार ने सिर्फ ओलंपिक तक ही सीमित न रहते हुए, अब कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स और राष्ट्रीय स्तर (नेशनल गेम्स) के खिलाड़ियों के लिए भी इनामी राशि और सरकारी नौकरी की नीति को संशोधित कर दिया है। इसका उद्देश्य यह है कि हर स्तर के खिलाड़ी को समान अवसर और प्रोत्साहन मिले।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का बयान

मुख्यमंत्री ने इस फैसले को “खेलों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण” के सपने से जोड़ा। उन्होंने कहा:

“हमने दिल्ली के युवाओं और खिलाड़ियों को सम्मान, स्थायित्व और नए अवसर देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने खेलों को राष्ट्र निर्माण का साधन बताया है और हम उसी विज़न को आगे बढ़ा रहे हैं।”

बीजेपी नेताओं का समर्थन

केंद्र सरकार और भाजपा के कई नेताओं ने इस फैसले की सराहना की है:

डॉ. मंसुख मांडविया ने कहा कि यह निर्णय पूरे देश के खिलाड़ियों को प्रेरणा देगा।

मंजिंदर सिंह सिरसा, आशीष सूद, परवेश साहिब सिंह, कपिल मिश्रा और रविंद्र इंद्राज सिंह जैसे नेताओं ने भी दिल्ली सरकार की इस पहल को एक “गेम चेंजर नीति” करार दिया।

 क्यों है यह फैसला ऐतिहासिक?

भारत में अब तक सबसे अधिक इनामी राशि देने वाला राज्य बना दिल्ली।

खिलाड़ियों को न केवल सम्मान, बल्कि स्थायी रोजगार की गारंटी।

यह नीति युवाओं को खेलों में करियर बनाने की नई प्रेरणा देगी।

खेल संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भविष्य में भारत के पदकों की संख्या में बढ़ोतरी तय है।

दिल्ली सरकार का यह फैसला न सिर्फ राजधानी के युवाओं और खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक मॉडल नीति के रूप में देखा जा सकता है। यह दर्शाता है कि अगर सरकार चाहे, तो खिलाड़ियों की प्रतिभा को पहचान, सम्मान और एक सुरक्षित भविष्य दिया जा सकता है।

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Rudra ji