IndiGo ने बुधवार को बताया कि दिसंबर की शुरुआत में 3–5 दिसंबर के बीच जिन यात्रियों को फ्लाइट रद्दीकरण या लंबी देरी के कारण खासा नुकसान उठाना पड़ा, उन्हें एयरलाइन एक-वर्ष के भीतर उपयोग करने योग्य ₹10,000 मूल्य का ट्रैवल वाउचर देगी। कंपनी ने यह कदम ग्राहकों की असुविधा को ध्यान में रखकर उठाया है और कहा गया है कि यह वाउचर अन्य निर्धारित मुआवज़ों के अतिरिक्त दिया जाएगा।
प्रारम्भिक सूचनाओं के अनुसार IndiGo ने साथ ही अलग मुआवज़ा नीति भी निर्धारित की है — रद्द हुए फ्लाइट के ब्लॉक-टाइम के आधार पर ₹5,000 से ₹10,000 तक का भुगतान किया जाएगा, जो नियमों के अनुरूप यात्रियों को दिया जाएगा। कंपनी ने बताया है कि उसकी ऑन-टाइम प्रदर्शन (OTP) धीरे-धीरे बहाल हो रहा है और प्रभावित यात्रियों के रिफंड/रिलोकेशन प्रक्रियाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
इसी घटनाक्रम के बीच विमानन नियामक DGCA ने IndiGo के सीईओ और उत्तरदायी मैनेजर को शो-कॉज़ नोटिस जारी किया और उनसे संपूर्ण रिपोर्ट व जवाब मांगा। नियामक ने ऑपरेशनल योजनाओं और अडवांस व्यवस्था में कथित खामियों का हवाला देते हुए एयरलाइन के शीर्षप्रबंधकों से स्पष्टीकरण तलब किया है। DGCA ने साथ ही कंपनी के ऑफ़िस पर निगरानी टीम भी तैनात की है और रिफंड/कम्पनसेशन प्रक्रियाओं की निगरानी तेज कर दी है।
यात्रियों-कस्टमर समूहों और यात्रा उद्योग ने एयरलाइन की घोषणा का स्वागत किया है, पर आम यात्रियों का कहना है कि जो रोक-टोक और अतिरिक्त परेशानी हुई, उसका तिक्ष्ण विलाफ़ (loss & inconvenience) केवल वाउचर से पूरी तरह कवर नहीं हो पाएगा। DGCA की तेज निगरानी और कंपनी के जवाब के बाद अब यह मामला आगे की कार्रवाई और संभावित सुधारात्मक कदमों की दिशा तय करेगा।












