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शिपबिल्डिंग से नेशन बिल्डिंग” संगोष्ठी का आयोजन, स्वदेशी युद्धपोत निर्माण में भारतीय नौसेना ने रचा इतिहास

शिपबिल्डिंग से नेशन बिल्डिंग" संगोष्ठी का आयोजन, स्वदेशी युद्धपोत निर्माण में भारतीय नौसेना ने रचा इतिहास

शिपबिल्डिंग से नेशन बिल्डिंग” संगोष्ठी का आयोजन, स्वदेशी युद्धपोत निर्माण में भारतीय नौसेना ने रचा इतिहास

नई दिल्ली, 23 जुलाई 2025:
वारशिप डिजाइन ब्यूरो द्वारा “नेशन बिल्डिंग थ्रू शिपबिल्डिंग” विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन मानेकशॉ सेंटर, दिल्ली कैंट में किया गया। इस अहम आयोजन में समुद्री और रक्षा क्षेत्र से जुड़ी प्रतिष्ठित हस्तियों, उद्योग जगत के अग्रणी नेताओं और विषय विशेषज्ञों ने भाग लिया।

इस अवसर पर भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने वर्चुअली उद्घाटन भाषण देते हुए Indian Navy Vision 2047 साझा किया। उन्होंने कहा कि नौसेना ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य की ओर अग्रसर है, जिसमें आविष्कार, नवाचार, स्वदेशीकरण और अत्याधुनिक तकनीकों के समावेशन पर विशेष बल दिया जा रहा है।
एडमिरल त्रिपाठी ने भारतीय नौसेना द्वारा डिज़ाइन किए गए 100वें स्वदेशी युद्धपोत की डिलीवरी को केवल एक संख्यात्मक उपलब्धि नहीं बल्कि तकनीकी आत्मनिर्भरता और रणनीतिक दूरदृष्टि का प्रतीक बताया।

शिपबिल्डिंग से नेशन बिल्डिंग" संगोष्ठी का आयोजन, स्वदेशी युद्धपोत निर्माण में भारतीय नौसेना ने रचा इतिहास
शिपबिल्डिंग से नेशन बिल्डिंग” संगोष्ठी का आयोजन, स्वदेशी युद्धपोत निर्माण में भारतीय नौसेना ने रचा इतिहास

संगोष्ठी में भारत सरकार, भारतीय नौसेना, शिपयार्ड्स, उद्योग जगत, वर्गीकरण समितियों (Classification Societies) और शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। चर्चा का केंद्र बिंदु वैश्विक तकनीकी प्रगति, भारतीय शिपयार्ड्स की चुनौतियाँ, और भारत को शिपबिल्डिंग में वैश्विक मानकों के अनुरूप लाने के उपाय रहे।

कार्यक्रम के दौरान चार तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिनमें नीति निर्माण, स्वदेशी डिज़ाइन क्षमताएं, उभरती तकनीकें, कौशल विकास तथा इस क्षेत्र में व्यापार को सुगम बनाने की रणनीतियों पर मंथन हुआ।

इस अवसर पर वारशिप डिजाइन ब्यूरो की डिज़ाइन विशेषज्ञता और 60 वर्षों में विकसित की गई 20 डिज़ाइनों और 100 से अधिक जहाजों की निर्माण यात्रा को भी प्रदर्शित किया गया।

विशेषज्ञों ने भारत के समुद्री औद्योगिक ढांचे को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने तथा ‘मेक इन इंडिया’ और ‘ब्लू इकॉनॉमी’ के विज़न को साकार करने की दिशा में अपने विचार साझा किए। संगोष्ठी में नीति-निर्माताओं और उद्योग प्रतिनिधियों के बीच सार्थक संवाद और नवाचार आधारित सहयोग को भी बढ़ावा मिला।

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Rudra ji