भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक दिया इस्तीफा, स्वास्थ्य कारणों का दिया हवाला – अगला उपराष्ट्रपति कौन?
प्रकाशित: 22 जुलाई 2025
भारतीय राजनीति में एक अचानक और बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह निर्णय स्वास्थ्य संबंधी कारणों और चिकित्सकीय सलाह के आधार पर लिया और अपना त्यागपत्र भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67(a) के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा।
श्री धनखड़ का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब देश में कई राजनीतिक और संवैधानिक चुनौतियाँ मौजूद हैं। उपराष्ट्रपति न केवल राज्यसभा के सभापति होते हैं बल्कि वे राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में कार्यकारी प्रमुख की भूमिका भी निभाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावुक प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
“श्री जगदीप धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।”
पीएम मोदी की यह पोस्ट स्पष्ट करती है कि सरकार इस निर्णय से अवगत थी और श्री धनखड़ के योगदान को गंभीरता से सराहा गया है।
धनखड़ जी का राजनीतिक जीवन – खेतों से राष्ट्रपति भवन तक का सफर
जन्म: 18 मई 1951, झुंझुनूं, राजस्थान
पेशा: वकील, किसान नेता, फिर राजनेता
1989 में लोकसभा सांसद बने
केंद्रीय मंत्री (1990)
2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल
2022 में भारत के 14वें उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए
श्री धनखड़ एक ऐसे नेता रहे हैं जिन्होंने ग्रामीण भारत और संवैधानिक मूल्यों के बीच संतुलन स्थापित करने की कोशिश की। राज्यसभा में उन्होंने कई बार गरिमा बनाए रखते हुए विपक्ष और सत्ता पक्ष को एक साथ बैठाने का प्रयास किया।
संविधान के तहत इस्तीफा कैसे होता है?
अनुच्छेद 67(a) के तहत, उपराष्ट्रपति स्वयं राष्ट्रपति को लिखित पत्र द्वारा अपना इस्तीफा दे सकते हैं। यह इस्तीफा स्वीकार होते ही वैधानिक रूप से पद खाली माना जाता है। उसके बाद नए उपराष्ट्रपति का चुनाव 6 महीने के भीतर किया जाना जरूरी है।
अब अगला उपराष्ट्रपति कौन? जानिए संभावित नाम
अब पूरा देश यह जानना चाहता है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा। संसद में एनडीए के पास स्पष्ट बहुमत है, इसलिए भाजपा या एनडीए समर्थित उम्मीदवार की संभावना अधिक है। संभावित नामों में शामिल हैं:
संभावित उम्मीदवार प्रमुख विशेषताएं
ओम बिड़ला वर्तमान लोकसभा अध्यक्ष, कुशल प्रशासक
अनुप्रिया पटेल पिछड़ा वर्ग से, युवा चेहरा, एनडीए सहयोगी
डॉ. सुधा यादव महिला व पूर्व सैनिक परिवार से जुड़ी
थावरचंद गहलोत दलित नेता, वर्तमान राज्यपाल
नजमा हेपतुल्ला मुस्लिम महिला चेहरा, अनुभवशील राजनेता
रामनाथ कोविंद पूर्व राष्ट्रपति, दलित प्रतिनिधित्व
इन नामों पर न केवल सामाजिक समीकरणों, बल्कि आगामी लोकसभा चुनाव 2029 की रणनीति को ध्यान में रखते हुए विचार किया जा सकता है।
राजनीतिक और सामाजिक महत्व क्यों है इस चुनाव का?
उपराष्ट्रपति पद न केवल राज्यसभा का नेतृत्व करता है, बल्कि यह पद राष्ट्रीय संतुलन और सामाजिक प्रतिनिधित्व का प्रतीक भी है। पिछले उपराष्ट्रपतियों में- हमीद अंसारी, वेंकैया नायडू जैसे दिग्गज रहे हैं।
राजनीतिक दृष्टि से यह चुनाव भाजपा और विपक्ष दोनों के लिए एक संदेश देने का अवसर हो सकता है — कि क्या सत्ता पक्ष सर्वसमावेशी चेहरा लाएगा या राजनीतिक मजबूती को प्राथमिकता देगा?
चुनाव प्रक्रिया कैसे होती है?
उपराष्ट्रपति चुनाव केवल लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों द्वारा किया जाता है
मतदान गोपनीय और वरीयता क्रम पर आधारित होता है
निर्वाचन आयोग 90 दिन के भीतर चुनाव कराने के लिए अधिसूचना जारी करता है
जनता क्या कह रही है?
सोशल मीडिया पर श्री धनखड़ के इस्तीफे को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं हैं। कुछ लोग इसे स्वास्थ्य का विषय मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे राजनीतिक रणनीति भी कह रहे हैं।
श्री जगदीप धनखड़ का इस्तीफा भारतीय राजनीति के लिए एक संवेदनशील मोड़ है। अब सवाल है कि क्या अगला उपराष्ट्रपति कोई नया, युवा चेहरा होगा, या फिर एक अनुभवी और संतुलित राजनेता को चुना जाएगा?
देश अब राष्ट्रपति भवन की ओर देख रहा है, जहां से अगले उपराष्ट्रपति के नाम की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।
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