देशभर में इंडिगो एयरलाइंस की बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द होने से हज़ारों यात्री बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उड़ानें अचानक रद्द होने से यात्रियों को भारी परेशानी, आर्थिक नुकसान और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा। अब इस पूरे मामले को लेकर सरकार और विमानन नियामक एजेंसियों को सुनवाई के लिए बुलाने की तैयारी चल रही है।
सूत्रों के अनुसार बीते कुछ दिनों में तकनीकी कारणों, संचालन संबंधी दिक्कतों और संसाधनों की कमी के चलते इंडिगो की कई उड़ानें रद्द की गईं। कई यात्रियों को अंतिम समय पर फ्लाइट कैंसिल होने की सूचना मिली, जिससे उनकी यात्राएं अधर में लटक गईं। एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की लंबी कतारें, होटल बुकिंग रद्द होने और अन्य खर्चों की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं।
यात्रियों का आरोप है कि उन्हें समय पर सही जानकारी नहीं दी गई और कई मामलों में रिफंड व वैकल्पिक व्यवस्था भी संतोषजनक नहीं रही। सोशल मीडिया पर भी बड़ी संख्या में यात्री अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। वहीं उपभोक्ता संगठनों ने इस संकट को गंभीर लापरवाही बताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।
अब इस मामले में सरकार और डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। सूत्रों की मानें तो संबंधित समिति द्वारा सरकार और विमानन नियामक को इस संकट को लेकर जवाब देने के लिए सुनवाई में बुलाया जा सकता है। इस दौरान यह जांच की जाएगी कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में उड़ानें क्यों रद्द हुईं और यात्रियों के हितों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए।
सरकार की ओर से संकेत दिए गए हैं कि यात्रियों की परेशानियों को प्राथमिकता से लिया जा रहा है और एयरलाइंस से जवाब तलब किया जा रहा है। यदि नियमों का उल्लंघन पाया गया, तो इंडिगो पर भारी जुर्माना और अन्य दंडात्मक कार्रवाई भी हो सकती है।
फिलहाल इंडिगो प्रबंधन की ओर से यह आश्वासन दिया गया है कि परिचालन को जल्द ही सामान्य किया जाएगा और प्रभावित यात्रियों को रिफंड व वैकल्पिक उड़ानों की सुविधा दी जा रही है। इसके बावजूद यात्रियों में असंतोष बना हुआ है और वे जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।












