उद्धव ठाकरे और प्रवीण दरेकर की मुलाकात से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल — ‘घर वापसी’ पर दिलचस्प संवाद
महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर चर्चा में है, और वजह है उद्धव ठाकरे और बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर के बीच हाल ही में हुई मुलाकात। यह मुलाकात चाहे निजी या सामाजिक कारणों से हुई हो, लेकिन इसके राजनीतिक निहितार्थ साफ तौर पर नजर आ रहे हैं।
आइए, हम फिर से साथ आ जाएं”
सूत्रों के मुताबिक, उद्धव ठाकरे ने इस मुलाकात के दौरान भावुक होते हुए पूर्व शिवसैनिक प्रवीण दरेकर से कहा, “आइए, हम फिर से साथ आ जाएं।” उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यदि दरेकर चाहें, तो उनके लिए शिवसेना के दरवाजे खुले हैं।
दरेकर का मजेदार जवाब
इस पर दरेकर ने हँसी में कहा, “आप कहें तो आज ही लौट आऊं,” लेकिन उन्होंने तुरंत यह भी साफ कर दिया कि वे फिलहाल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रति पूरी तरह वफादार हैं और मौजूदा राजनीतिक समीकरणों में बदलाव का कोई इरादा नहीं रखते।
क्या बदल सकते हैं राजनीतिक समीकरण?
यह मुलाकात एक तरफ जहां पुरानी राजनीतिक साझेदारी की याद दिलाती है, वहीं यह भी संकेत देती है कि महाराष्ट्र की राजनीति में समीकरण कभी भी बदल सकते हैं। चुनावी रणनीतियों, गठबंधन की संभावनाओं और नेताओं की व्यक्तिगत समीक्षाओं के दौर में यह एक मुलाकात सियासी भविष्य के संकेतों से खाली नहीं है।
क्यों है यह मुलाकात अहम?
प्रवीण दरेकर कभी शिवसेना में एक मजबूत चेहरा रहे हैं।
बीजेपी में जाने के बाद उन्होंने खुद को महाराष्ट्र की राजनीति में एक सशक्त नेता के रूप में स्थापित किया।
उद्धव ठाकरे इस समय अपने गुट की राजनीतिक ताकत को फिर से मज़बूत करने की कोशिश में हैं।
इस मुलाकात को महज सामाजिक या व्यक्तिगत कहकर खारिज नहीं किया जा सकता। राजनीति में रिश्ते और वक्त दोनों तेजी से बदलते हैं, और यह भेंट शायद आने वाले चुनावों या गठबंधन की संभावनाओं की एक झलक हो।
राजनीतिक पंडितों की नज़र अब इस पर टिकी है कि क्या यह मुलाकात केवल अतीत की याद थी या भविष्य की कोई बुनियाद?