नई दिल्ली: ईरान और इजरायल के बीच पिछले एक सप्ताह से चल रहा संघर्ष अनवरत बना हुआ है। इस हिंसा में ईरान में 70 महिलाएं और बच्चे समेत 220 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, जबकि इजरायल में 20 से अधिक लोगों की जान चली गई है। दोनों राष्ट्रों के बीच मिसाइल हमले और प्रतिक्रियाओं के कारण स्थिति तनावपूर्ण है, और शांति की कोई तात्कालिक संभावना नजर नहीं आ रही। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने कहा है कि उसने इस लड़ाई में पहली बार फतेह-1 मिसाइल का इस्तेमाल किया है।
मंगलवार को ईरान ने इजरायल के तेल अविव और येरुशलम सहित कई स्थानों पर मिसाइलें दागी। इजरायल में सायरन की आवाज से लोग आश्रयों में जाने के लिए मजबूर हो गए। इजरायली रक्षा बल (IDF) का कहना है कि उसने 100 से अधिक ईरानी ड्रोन और मिसाइलों को नष्ट किया, फिर भी कुछ हमलों में गंभीर नुकसान हुआ। ईरान के हमलों में अब तक इजरायल में 24 लोग जान गंवा चुके हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।
इजरायल का कहना है कि वह तेहरान के एयरस्पेस पर अधिकार रखता है। IDF ने ईरान के सैन्य स्थलों, परमाणु केंद्रों और कमांड पोस्टों पर हमले किए, जिसमें IRGC के खुफिया प्रमुख मोहम्मद काज़मी और उनके सहायक की मृत्यु हुई। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह मुहिम ईरान के परमाणु कार्यक्रम और मिसाइल क्षमताओं को खत्म करने के लिए है।