15 अगस्त से पहले दिल्ली में क्यों उड़ते हैं इतने हेलीकॉप्टर? जानिए पूरी वजह
15 अगस्त से पहले दिल्ली के आसमान में अचानक हेलीकॉप्टरों और सैन्य विमानों की आवाजाही बढ़ जाती है। कई लोग सोचते हैं कि कहीं कोई आपात स्थिति तो नहीं? लेकिन वास्तव में इसके पीछे कई बेहद ज़रूरी और रणनीतिक कारण होते हैं। स्वतंत्रता दिवस से पहले यह हलचल सुरक्षा, तैयारी और राष्ट्रीय आयोजन से जुड़ी होती है। आइए जानते हैं इसकी पूरी वजह।
1. सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली, विशेषकर लाल किला, हाई-सिक्योरिटी ज़ोन घोषित किया जाता है। प्रधानमंत्री का भाषण, देशभर से आए मेहमानों की उपस्थिति और आम जनता की भीड़ को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा एजेंसियां हवाई निगरानी करती हैं।
हेलीकॉप्टरों के ज़रिए संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जाती है। यह निगरानी न केवल ज़मीन पर हो रही हलचल को देखती है, बल्कि आसमान में किसी ड्रोन, पैराग्लाइडर या संदिग्ध वस्तु की पहचान भी करती है।
2. फ्लाईपास्ट और परेड की रिहर्सल
15 अगस्त को हर साल भारतीय वायुसेना द्वारा फ्लाईपास्ट किया जाता है, जिसमें हेलीकॉप्टर और लड़ाकू विमान खास प्रदर्शन करते हैं। इस फ्लाईपास्ट की कई बार रिहर्सल की जाती है, ताकि राष्ट्रीय कार्यक्रम के दिन सब कुछ बिल्कुल सटीक और समयबद्ध हो।
हेलीकॉप्टरों से लाल किले के ऊपर से गुजरते हुए तिरंगे झंडे और पुष्पवर्षा भी की जाती है। इसकी भी पूर्वाभ्यास (rehearsal) होती है।
3. आपातकालीन तैयारी
किसी भी अप्रत्याशित घटना या आपात स्थिति से निपटने के लिए हेलीकॉप्टरों को पहले से ही तैनात और अभ्यासरत रखा जाता है। वे जरूरत पड़ने पर सुरक्षा बलों, मेडिकल टीमों या संसाधनों को तुरंत मौके पर पहुंचा सकते हैं।
4. नो-फ्लाई ज़ोन और ड्रोन कंट्रोल
दिल्ली के कुछ इलाके 15 अगस्त से पहले और उस दिन नो-फ्लाई ज़ोन घोषित किए जाते हैं। हेलीकॉप्टरों की मदद से इन इलाकों की निगरानी की जाती है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि कोई अनधिकृत ड्रोन या उड़ान इन प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश न कर सके।
दिल्ली में 15 अगस्त से पहले हेलीकॉप्टरों की आवाजाही न कोई खतरे की घंटी है और न ही कोई रहस्य। यह एक पूर्व नियोजित सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारी का हिस्सा है, जो देश की गरिमा, जनता की सुरक्षा और राष्ट्रीय कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करती है।
तो अगली बार जब आप दिल्ली के आसमान में हेलीकॉप्टरों की आवाज सुनें, तो समझ जाइए कि देश का सुरक्षा कवच आसमान से भी तैनात है।