लाहौर में एक मंच पर दिखे तल्हा सईद, कसूरी और हाशिमी,
“नेक्स्ट-जनरेशन” की रणनीति पर चर्चा
आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक बार फिर खतरनाक “नेक्स्ट-जनरेशन” प्लान सामने आया है। पाकिस्तान के लाहौर में आयोजित एक कार्यक्रम में लश्कर के शीर्ष आतंकियों को एक ही मंच पर देखा गया, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। इस मंच पर हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद, उसका करीबी सहयोगी अजहर कसूरी और कट्टरपंथी नेता अब्दुल्ला हाशिमी एक साथ मौजूद थे। इसे लश्कर के नए नेतृत्व की औपचारिक झलक के तौर पर देखा जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक का उद्देश्य युवाओं को अधिक संगठित तरीके से आतंकवाद की ओर धकेलना और संगठन को आने वाले वर्षों के लिए मजबूत करना है। तल्हा सईद को पहले ही लश्कर का “उत्तराधिकारी चेहरा” माना जा रहा है, जिसे भविष्य में वैश्विक जिहादी नेटवर्क का चेहरा बनाने की तैयारी की जा रही है। बैठक के दौरान कट्टर भाषणों के जरिए युवाओं को भड़काने और “जिहाद” के नाम पर हिंसा को सही ठहराने की कोशिश की गई।
यह भी सामने आया है कि इस नए प्लान के तहत सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का पहले से कहीं ज्यादा इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि सीधे युवाओं तक पहुंच बनाई जा सके। इसके साथ ही आर्थिक मदद, ट्रेनिंग नेटवर्क और सीमा पार गतिविधियों को दोबारा सक्रिय करने की रणनीति पर भी चर्चा हुई।
भारत की खुफिया एजेंसियां इस घटनाक्रम को बेहद गंभीरता से देख रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल एक बैठक नहीं बल्कि आतंक के पुनर्गठन की बड़ी कोशिश है, जिसमें पुराने आतंकी ढांचे को नई पीढ़ी के जरिए फिर से खड़ा करने की तैयारी हो रही है।
इस घटनाक्रम से यह भी साफ होता है कि आतंक के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद पाकिस्तान की धरती पर ऐसे तत्वों को खुला संरक्षण मिल रहा है। आने वाले समय में सीमा पार आतंकी गतिविधियों के बढ़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।












