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“बंगाल की वोटर लिस्ट में हैं लाखों रोहिंग्या” सुवेंदु अधिकारी ने चुनाव आयोग से की विशेष गहन पुनरीक्षण की मांग, बोले:

बंगाल की वोटर लिस्ट में हैं लाखों रोहिंग्या" सुवेंदु अधिकारी ने चुनाव आयोग से की विशेष गहन पुनरीक्षण की मांग, बोले:

सुवेंदु अधिकारी ने चुनाव आयोग से की विशेष गहन पुनरीक्षण की मांग, बोले: “बंगाल की वोटर लिस्ट में हैं लाखों रोहिंग्या”

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजनीति में बुधवार को उस वक्त भूचाल आ गया, जब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने चुनाव आयोग से मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) कराने की मांग की। उनका आरोप है कि बंगाल की वोटर लिस्ट में लाखों रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठिए अवैध रूप से शामिल हैं।

🔹 सुवेंदु का आरोप:
“बिहार में 30 लाख फर्जी वोटरों को हटाया गया। बंगाल की स्थिति उससे भी गंभीर है। यहां अनुमानतः 90 लाख अवैध नाम वोटर लिस्ट में शामिल हैं।”

🔹 सीमा जिलों पर विशेष ज़ोर:
अधिकारी ने उत्तर और दक्षिण 24 परगना, नदिया, और अन्य सीमावर्ती जिलों में दरवाज़ा-से-दरवाज़ा सर्वे कराने का आग्रह किया, ताकि “असली मतदाता और घुसपैठियों” की पहचान की जा सके।

🔹 चुनाव आयोग को ज्ञापन:
भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा, जिसमें बंगाल में जल्द से जल्द SIR प्रक्रिया शुरू करने की मांग की गई है।

🔥 राजनीतिक प्रतिक्रिया:

🟢 टीएमसी का पलटवार:
टीएमसी नेताओं ने सुवेंदु के बयान को “सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति” बताया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा,

“भाजपा की यह रणनीति पहचान और नागरिकता के नाम पर बंगालियों को बांटने की है। यह बंगाल की अस्मिता पर हमला है।”

🔴 भाजपा का जवाब:
सुवेंदु अधिकारी का कहना है कि यह किसी धर्म या जाति का सवाल नहीं, बल्कि “भारतीय लोकतंत्र की पवित्रता” का मामला है।

चुनाव आयोग ने फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, बंगाल में भी बिहार जैसी गहन समीक्षा की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

राजनीतिक गलियारों में अब यह मुद्दा गरमा गया है —
क्या बंगाल में भी “फर्जी मतदाता” हटाने की बड़ी कार्रवाई होगी?
या यह सिर्फ 2026 विधानसभा चुनावों से पहले की सियासी रणनीति है?

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Rudra ji