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सांसद प्रवीण खंडेलवाल का राष्ट्रव्यापी आह्वान – “भारतीय अपनाओ, सम्मान बढ़ाओ” अभियान 10 अगस्त से होगा शुरू

सांसद प्रवीण खंडेलवाल का राष्ट्रव्यापी आह्वान – “भारतीय अपनाओ, सम्मान बढ़ाओ” अभियान 10 अगस्त से होगा शुरू

सांसद प्रवीण खंडेलवाल का राष्ट्रव्यापी आह्वान – “भारतीय अपनाओ, सम्मान बढ़ाओ” अभियान 10 अगस्त से होगा शुरू

नई दिल्ली:

चांदनी चौक से सांसद और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के प्रवीण खंडेलवाल ने 10 अगस्त से एक राष्ट्रव्यापी अभियान “भारतीय अपनाओ, सम्मान बढ़ाओ” शुरू करने की घोषणा की है। यह अभियान न केवल व्यापारियों के लिए एक दिशा निर्धारित करेगा, बल्कि पूरे देश में स्वदेशी चेतना को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाने का कार्य करेगा।

क्या है यह अभियान?

इस अभियान के अंतर्गत देशभर के व्यापारी केवल भारतीय सामान बेचने और खरीदने का संकल्प लेंगे। उपभोक्ताओं को भी प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता दें, जिससे स्वदेशी उद्योगों, कारीगरों और लघु उद्यमियों को सीधा लाभ मिले।

CAIT के नेतृत्व में यह आंदोलन भारत की आर्थिक आज़ादी की दिशा में एक बड़ा और साहसी कदम माना जा रहा है। संगठन का मानना है कि यह पहल विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता कम करने, स्थानीय निर्माण इकाइयों को बढ़ावा देने और रोज़गार सृजन के लिए अहम भूमिका निभाएगी।

अभियान की विशेषताएं:

🔹 48,000 से अधिक व्यापारी संगठनों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है, जो पूरे भारत में इस अभियान को ज़मीनी स्तर तक पहुंचाएंगे।
🔹 देश के छोटे-बड़े बाज़ारों, मंडियों, दुकानों और ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर भारतीय उत्पादों को प्रमुखता देने का संकल्प लिया जाएगा।
🔹 उपभोक्ताओं के बीच “भारतीय सामान खरीदो – देश को मज़बूत बनाओ” जैसे नारों के साथ जनजागरूकता फैलाई जाएगी।
🔹 अभियान में युवाओं, छात्रों और समाज के विभिन्न वर्गों को जोड़ने के लिए सोशल मीडिया, रैलियों, सेमिनारों और नुक्कड़ नाटकों का भी सहारा लिया जाएगा।

प्रवीण खंडेलवाल का संदेश:

प्रवीण खंडेलवाल ने कहा –

“यह केवल व्यापार से जुड़ा आंदोलन नहीं है, बल्कि यह भारत की आत्मा, स्वाभिमान और स्वदेशी पर गर्व करने का अभियान है। यदि हर भारतीय आज से यह ठान ले कि वह केवल देश में बने उत्पाद ही खरीदेगा, तो न केवल हमारे उद्योग मज़बूत होंगे बल्कि करोड़ों नए रोज़गार के अवसर भी पैदा होंगे।”

क्यों है यह अभियान जरूरी?

भारत में आज भी कई ऐसे क्षेत्रों में विदेशी कंपनियों का एकाधिकार है, जिनमें देशी विकल्प मौजूद हैं। यह अभियान ऐसे ही देशी विकल्पों को आगे लाने और उन्हें लोकप्रिय बनाने का काम करेगा।
यह आंदोलन “वोकल फॉर लोकल”, “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” जैसे राष्ट्रीय अभियानों के उद्देश्यों को मज़बूती से आगे बढ़ाएगा।

CAIT और व्यापारी वर्ग का यह स्वदेशी आंदोलन भारत की आर्थिक संप्रभुता की पुनर्स्थापना का प्रतीक बनकर उभरेगा।
10 अगस्त से शुरू हो रहे इस अभियान में देशवासियों की भागीदारी ही इसकी असली सफलता होगी।

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Rudra ji