ऑपरेशन सिंदूर से लाल किले तक: 15 अगस्त को गरजेगी स्वदेशी 105 mm तोप, मिलेगी 21 तोपों की सलामी
नई दिल्ली – स्वतंत्रता दिवस 2025 का जश्न इस बार कुछ खास होगा। लाल किले की प्राचीर से जब 21 तोपों की सलामी दी जाएगी, तो उसमें गूंजेगी भारत की स्वदेशी ताकत – 105 mm इंडियन लाइट फील्ड गन की गर्जना।
यह वही तोप है जिसने हाल ही में चर्चित ऑपरेशन सिंदूर में अपनी मारक क्षमता से दुश्मनों को करारा जवाब दिया था। अब यही गन 15 अगस्त को देश की आज़ादी की सलामी में प्रमुख भूमिका निभाएगी।
पूरी तरह स्वदेशी – आत्मनिर्भर भारत की मिसाल
105 mm लाइट फील्ड गन को भारत में ही डिजाइन और विकसित किया गया है। इसका निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ के तहत हुआ है। इसकी खासियत है:
हल्का वजन, जिससे ऊंचे और दुर्गम इलाकों में भी आसानी से पहुंचाई जा सकती है
तेज़ी से तैनाती की क्षमता
सटीक और घातक वार
दो वेरिएंट्स – ट्रैक्ड और टोव्ड
भारतीय सेना में लंबे समय से सेवा में
एक तोप, कई प्रतीक
यह गन सिर्फ एक सैन्य हथियार नहीं, बल्कि स्वदेशी रक्षा उत्पादन की एक मिसाल बन गई है। इसकी गूंज लाल किले से दूर-दूर तक जाएगी और दुनिया को यह संदेश देगी कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो चुका है।
ऑपरेशन सिंदूर से आज़ादी के जश्न तक
जहां एक ओर यह गन ऑपरेशन सिंदूर में फ्रंटलाइन पर रही, वहीं अब यह 15 अगस्त के राष्ट्रीय समारोह में गर्व का प्रतीक बनने जा रही है। यह परिवर्तन ही भारत की ताकत, तकनीक और आत्मनिर्भरता का परिचय है।
15 अगस्त को जब यह तोप गरजेगी, तो उसकी आवाज़ सिर्फ सलामी की नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की हुंकार होगी
नेशनल कैपिटल टाइम्स