विभाजन की त्रासदी और कांग्रेस पर PM मोदी-अमित शाह का वार
14 अगस्त का दिन भारतीय इतिहास के सबसे दर्दनाक पन्नों में दर्ज है। साल 1947 में हुए भारत-पाकिस्तान विभाजन ने न केवल भूगोल बदला, बल्कि करोड़ों लोगों के जीवन को हमेशा के लिए प्रभावित कर दिया। आज भी यह याद लाखों परिवारों के दिलों में गहरे घाव छोड़ जाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दिन को याद करते हुए कहा कि विभाजन के चलते करोड़ों लोगों ने अपना घर, गांव और पुश्तैनी जमीन-जायदाद छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। हिंसा, दंगे और अत्याचार ने लाखों परिवारों को तोड़कर रख दिया। पीएम मोदी ने विभाजन के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा—
“यह दिन हमें एकता, भाईचारे और राष्ट्रीय अखंडता को बनाए रखने की प्रेरणा देता है। हमें इतिहास से सीख लेकर ऐसा माहौल बनाना चाहिए, जिसमें नफरत और बंटवारे की कोई जगह न हो।”
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीतियों और राजनीतिक फैसलों ने मां भारती के स्वाभिमान को गहरी चोट पहुंचाई।
अमित शाह ने कहा—
“कांग्रेस ने देश को टुकड़ों में बांटने का पाप किया, जिसका नतीजा था लाखों लोगों की मौत और करोड़ों का पलायन। विभाजन ने समाज में एक ऐसा जख्म दिया है जिसे पीढ़ियां भूल नहीं पाईं। हमें इस त्रासदी से सबक लेना चाहिए और किसी भी कीमत पर देश की एकता को बनाए रखना चाहिए।”
इतिहासकारों का मानना है कि विभाजन केवल एक राजनीतिक घटना नहीं, बल्कि मानवीय त्रासदी थी। परिवार बिछड़े, रिश्ते टूटे और संस्कृतियां बिखर गईं। इस दिन को याद करते हुए देशवासियों के मन में यह संकल्प मजबूत होना चाहिए कि भविष्य में कोई भी राजनीतिक निर्णय देश की अखंडता और भाईचारे को नुकसान न पहुंचाए।
14 अगस्त हमें याद दिलाता है कि गलत राजनीतिक फैसलों के नतीजे कितने गहरे और पीढ़ियों तक असर डालने वाले हो सकते हैं। आज, जब देश विकास और प्रगति की ओर बढ़ रहा है, तब यह जिम्मेदारी हम सबकी है कि हम एकजुट रहकर एक मजबूत और समावेशी भारत का निर्माण करें।