सिगंदूर पुल उद्घाटन पर सियासी गर्मी: सिद्धारमैया ने पीएम मोदी को लिखा नाराजगी भरा पत्र
शिवमोगा, कर्नाटक
कर्नाटक के शिवमोगा जिले में देश के दूसरे सबसे लंबे केबल स्टे ब्रिज — सिगंदूर पुल — का उद्घाटन केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा किया गया। यह पुल न केवल इंजीनियरिंग का एक अद्भुत नमूना है, बल्कि यह कावेरी नदी पर आवागमन को भी बेहद सरल बना देगा, जिससे क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को गति मिलेगी।
लेकिन, इस ऐतिहासिक पल के साथ सियासत भी गर्म हो गई है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया और इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार को कार्यक्रम से पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया, जबकि यह परियोजना राज्य और केंद्र दोनों की साझी भागीदारी से पूरी हुई है।
क्या लिखा मुख्यमंत्री ने?
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पत्र में कहा:
“राज्य के निर्वाचित प्रतिनिधियों को उद्घाटन समारोह से बाहर रखना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों और परंपराओं का सीधा उल्लंघन है।”
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जब किसी परियोजना में राज्य सरकार की भी भागीदारी हो, तो ऐसे आयोजन में राज्य की राजनैतिक और प्रशासनिक भागीदारी अनिवार्य होती है।
राजनीतिक हलचल तेज
मुख्यमंत्री का पत्र सार्वजनिक होने के बाद, कर्नाटक की राजनीति में नई बहस छिड़ गई है। केंद्र और राज्य के बीच संपर्क व समन्वय की कमी, राजनीतिक सम्मान और सहभागिता का सवाल बन गया है।
सिगंदूर पुल की खासियत:
भारत का दूसरा सबसे लंबा केबल स्टे ब्रिज
कावेरी नदी पर बना यह पुल लिंगनमककी डैम के पास स्थित है
पुल से शिवमोगा और सिगंदूर के बीच यात्रा समय में भारी कमी आएगी
क्षेत्रीय व्यापार, पर्यटन और आवागमन को मिलेगा नया बल
यह पूरा मामला बताता है कि विकास परियोजनाएं केवल तकनीकी नहीं होतीं — वे अक्सर राजनीतिक सहभागिता और पहचान का भी बड़ा प्रतीक बन जाती हैं।