मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्बेट नेशनल पार्क में किया जंगल सफारी का आनंद, ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत 1000 पौधे रोपे
रामनगर (नैनीताल), 13 जुलाई 2025
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज विश्वविख्यात कार्बेट नेशनल पार्क में जंगल सफारी के दौरान वन्य जीवन की अद्भुत झलक का अनुभव किया। यह सफर न केवल एक रोमांचक पर्यटन गतिविधि थी, बल्कि प्रकृति, पर्यावरण और जैव विविधता से जुड़ने का भी एक सार्थक अवसर था।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “कार्बेट जैसे संरक्षित वन क्षेत्र न केवल पर्यावरणीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह उत्तराखंड की पहचान भी हैं। जंगल सफारी सिर्फ एक पर्यटन अनुभव नहीं है, यह प्रकृति से जुड़ने और उसे समझने की एक जीवंत प्रक्रिया है।”
पर्यटन को मिली नई उड़ान
मुख्यमंत्री ने इस दौरान बताया कि उत्तराखंड सरकार के निरंतर प्रयासों के चलते जंगल सफारी पर्यटन को एक नई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है। देश-विदेश से लाखों पर्यटक हर साल कार्बेट और अन्य राष्ट्रीय उद्यानों का रुख कर रहे हैं। इस बढ़ते पर्यटन से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जो पहले उपेक्षित माने जाते थे।

“पर्यटन से न केवल रोजगार के अवसर बढ़े हैं, बल्कि ग्रामीण और वन क्षेत्रों के लोगों को भी स्वरोजगार के जरिये आजीविका के मजबूत साधन मिले हैं।” – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
उन्होंने कहा कि सरकार इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई नई योजनाएं ला रही है, जिससे पर्यटन और पर्यावरण दोनों का संतुलित विकास सुनिश्चित हो सके।
‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान: प्रकृति और मातृत्व को समर्पित पहल
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में आज ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत वन विभाग, स्थानीय नागरिकों,और पर्यावरण प्रेमियों के सहयोग से 1000 से अधिक पौधों का सामूहिक रोपण किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा,

“यह महज पौधारोपण नहीं, यह मातृत्व और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक है। माँ हमें जीवन देती है, और वृक्ष जीवन को बनाए रखते हैं। यह अभियान दोनों को एक भावनात्मक सूत्र में जोड़ता है।”
इस अभियान का उद्देश्य न केवल पर्यावरण संरक्षण है, बल्कि भावी पीढ़ियों को वृक्षों और प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाना भी है।
वन विभाग की सराहना, सतत संरक्षण की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने जंगल सफारी के बाद वन विभाग की टीम से भेंट की और उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि वनों और वन्य जीवों की सुरक्षा में कार्यरत कर्मी वास्तव में धरती के सच्चे रक्षक हैं।

उन्होंने विभाग की प्रतिबद्धता को राज्य की जैव विविधता और हरियाली को बचाने के लिए आवश्यक बताया और भरोसा दिलाया कि सरकार उनके संसाधनों और प्रशिक्षण को लगातार मजबूत करती रहेगी।
पर्यावरण संरक्षण और विकास: एक साथ
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट रूप से कहा कि उत्तराखंड सरकार की विकास नीति में पर्यावरण संरक्षण एक अभिन्न अंग है। चाहे सड़क निर्माण हो, पर्यटन विकास हो या उद्योग – हर योजना में इकोलॉजिकल बैलेंस को प्राथमिकता दी जा रही है।

उन्होंने जनता से भी अपील की कि वे वृक्षारोपण, जल संरक्षण और स्वच्छता को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
नेशनल कैपिटल टाइम्स