“रजिस्टर्ड पोस्ट बंद: डाक सेवा के एक युग का अंत”
भारतीय डाक विभाग ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 1 सितंबर 2025 से रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा को बंद करने का फैसला किया है। अब यह सेवा स्पीड पोस्ट में समाहित कर दी जाएगी। यह खबर उन करोड़ों लोगों के लिए एक भावनात्मक झटका है, जिनके जीवन की तमाम यादें और दस्तावेज इस सेवा से जुड़ी रही हैं।
रजिस्टर्ड पोस्ट, जो एक जमाने में सरकारी प्रमाण-पत्रों, कोर्ट के नोटिस, और जरूरी दस्तावेजों की डिलीवरी का सबसे भरोसेमंद माध्यम हुआ करती थी, अब इतिहास बन जाएगी। इसकी शुरुआत ब्रिटिश शासनकाल में हुई थी, जब इस सेवा को सुरक्षा, पुष्टि और ट्रैकिंग की दृष्टि से शुरू किया गया था।
समय के साथ तकनीक ने डाक व्यवस्था को भी प्रभावित किया है। डिजिटल दस्तावेजों, ईमेल और मोबाइल कम्युनिकेशन की तेजी से बढ़ती उपयोगिता ने पारंपरिक डाक सेवाओं की मांग को कम कर दिया है। ऐसे में डाक विभाग ने आधुनिकता और कुशलता को प्राथमिकता देते हुए रजिस्टर्ड पोस्ट को समाप्त करने और इसकी जिम्मेदारी स्पीड पोस्ट को सौंपने का निर्णय लिया है।
स्पीड पोस्ट, जो पहले ही तेज़ डिलीवरी और बेहतर ट्रैकिंग के लिए जानी जाती है, अब रजिस्टर्ड पोस्ट की जिम्मेदारियां भी निभाएगी। इससे सेवा में पारदर्शिता, गति और सुविधा की उम्मीद की जा रही है।
हालांकि यह कदम आधुनिकीकरण की दिशा में एक ज़रूरी सुधार माना जा सकता है, लेकिन यह भी एक भावनात्मक विदाई है — एक ऐसी परंपरा का अंत, जिसने दशकों तक भारतीय जनमानस के साथ एक गहरा रिश्ता बनाए रखा।
सच पूछा जाए तो यह सिर्फ एक सेवा का समापन नहीं है, बल्कि यह भारतीय डाक व्यवस्था के एक पूरे युग का अवसान है। इसकी गूंज आने वाले वर्षों तक सुनाई देती रहेगी — हर उस पुराने लिफाफे में, हर सरकारी मुहर में, और हर उस दस्तावेज में जिसे कभी रजिस्टर्ड पोस्ट से भेजा गया था।
नेशनल कैपिटल टाइम्स