हवाई सेवाओं पर निगरानी तेज़: रिफंड व्यवस्था और किराया नीति पर बड़ा फैसला
लगातार उड़ान रद्द होने से परेशान यात्रियों के लिए राहत की खबर सामने आई है। देश की प्रमुख एयरलाइन ने घोषणा की है कि उसके अधिकांश मार्गों पर हवाई सेवाएं अब लगभग पूरी तरह बहाल कर दी गई हैं। कंपनी के अनुसार अब 95 प्रतिशत से अधिक रूट्स पर नियमित उड़ान संचालन शुरू हो चुका है। साथ ही जिन यात्रियों की उड़ानें रद्द हुई थीं, उन्हें उनका रिफंड तय समयसीमा के भीतर उपलब्ध कराया जाएगा। एयरलाइन ने आश्वासन दिया है कि सभी लंबित रिफंड अगले दिन तक निपटा दिए जाएंगे।
उधर, यात्रियों से अत्यधिक किराया वसूलने के आरोपों को देखते हुए सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। केंद्र सरकार ने कुछ प्रमुख रूट्स पर हवाई किराए की सीमा तय कर दी है, ताकि यात्रियों से मनमानी वसूली पर रोक लग सके। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के तहत अब निर्धारित दरों से अधिक किराया लेने पर कार्रवाई की जा सकेगी।
इसी क्रम में एयरलाइन प्रबंधन से जवाब भी तलब किया गया है। एयरलाइन के शीर्ष अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि आखिर किन परिस्थितियों में बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द हुईं और यात्रियों को समय पर सही जानकारी क्यों नहीं दी गई। सरकार का कहना है कि यात्रियों की सुविधा और भरोसा सर्वोपरि है तथा किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि हालिया घटनाक्रम से स्पष्ट है कि हवाई यातायात व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही को और मजबूत करने की जरूरत है। यात्रियों को न केवल समय पर सेवाएं चाहिए, बल्कि रिफंड और किराया नीति में भी स्पष्टता जरूरी है। प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में एयरलाइंस के लिए और सख्त नियम लागू किए जा सकते हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की अव्यवस्था दोबारा न हो। सरकार और एयरलाइन के इस कदम को यात्रियों के हित में एक अहम फैसला माना जा रहा है।












