दिल्ली प्रदूषण इंस्पेक्शन में खुलासा
दिल्ली में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर की जा रही मॉनिटरिंग और निरीक्षण के दौरान यह तथ्य सामने आया है कि राजधानी में सड़क की धूल (Road Dust) प्रदूषण का सबसे बड़ा स्रोत बनी हुई है। हालिया इंस्पेक्शन में अधिकारियों को शहर के 35 ऐसे स्थानों की पहचान हुई है, जहां धूल का स्तर सामान्य से कई गुना अधिक पाया गया। इन स्पॉट्स को हाई-डस्ट पॉइंट्स की श्रेणी में शामिल किया गया है।
जांच टीम के अधिकारियों का कहना है कि जिन क्षेत्रों में धूल का स्तर अधिक पाया गया, वहां दो प्रमुख कमियां देखी गईं—पहली, सड़क की नियमित सफाई का अभाव, और दूसरी, निर्माण कार्यों में धूल नियंत्रण नियमों का पालन न होना। कई जगह खाली प्लॉट, टूटी सड़कें, खुले कच्चे किनारे और निर्माण सामग्री का बेतरतीब ढंग से पड़ा होना धूल उड़ने का कारण बन रहे हैं।
विशेषज्ञ बताते हैं कि सड़क की धूल PM10 और PM2.5 बढ़ाने में 30–40% तक योगदान दे सकती है। ऐसे में दिल्ली की हवा पहले से ही प्रदूषित होने के कारण यह तत्व स्थिति और बदतर कर देता है। हालिया AQI रिपोर्ट के अनुसार, कई इलाकों में एयर क्वालिटी ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच रही है, जिसमें सड़क की धूल का योगदान महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
निरीक्षण टीम ने नागर निगम, PWD और अन्य विभागों को निर्देश दिए हैं कि हाई-डस्ट पॉइंट्स पर तुरंत कार्रवाई की जाए। इसमें मैकेनाइज्ड स्वीपिंग बढ़ाना, रोजाना पानी का छिड़काव, निर्माण स्थलों की बैरिकेडिंग, और खुले प्लॉट्स पर ग्रीन कवर या एंटी-डस्ट एजेंट का प्रयोग जैसे उपाय शामिल हैं।
इसके साथ ही, अधिकारी अब उन क्षेत्रों में फॉलो-अप विज़िट भी करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सुधारात्मक कदम लागू हो रहे हैं या नहीं।
पर्यावरण विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर सड़क धूल पर काबू नहीं पाया गया तो सर्दियों में प्रदूषण का स्तर और गंभीर हो सकता है, जिससे स्वास्थ्य जोखिम बढ़ेंगे—विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा मरीजों के लिए।












