सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 2.0: नवम दिवस का आध्यात्मिक उत्सव, भक्ति–उत्साह से गूंजा मंच
दिल्ली/वृंदावन।
सनातन संस्कृति, एकता और आस्था के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से निकली “सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 2.0” अपने नवम दिवस पर भक्ति और ऊर्जा के चरम पर दिखाई दी।
यह पदयात्रा 7 नवंबर को दिल्ली के छतरपुर स्थित मां आद्या कात्यायनी मंदिर से प्रारंभ हुई थी और अपनी अंतिम मंज़िल 16 नवंबर को श्री बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन में सम्पन्न होगी।
धीरेंद्र शास्त्री की अगुवाई में उमड़ा जनसागर
बागेश्वर धाम सरकार पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की अगुवाई में चल रही इस यात्रा ने लाखो की संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित किया। शास्त्री जी ने पदयात्रा के दौरान हिंदू समाज की एकता, संस्कृति और राष्ट्रभावना पर जोर देते हुए कहा—
“अगर हम सब मिल जाएँ तो एक राष्ट्र हो — हिंदू राष्ट्र।”
उनकी यह बात श्रद्धालुओं में जोश और एकजुटता का प्रतीक बनी रही।
कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुतियों से गूंज उठा पंडाल
नवम दिवस के अंतिम सत्र में पदयात्रा स्थल पर भक्ति और संगीत का अद्भुत संगम देखने को मिला।
देश के प्रख्यात कलाकार बी प्राक, जुबिन नौटियाल और स्वाति मिश्रा ने भजन और भक्ति गीतों के जरिए ऐसा वातावरण बनाया कि पूरा पंडाल झूम उठा।

श्रद्धालुओं ने मोबाइल की रोशनी और जयकारों के साथ कलाकारों का स्वागत किया।
संगीत की इन प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को आध्यात्मिक ऊंचाई और भावनात्मक जुड़ाव से भर दिया।

स्वामी चिदानंद सरस्वती और जया किशोरी के प्रेरक प्रवचन

आध्यात्मिक संत स्वामी चिदानंद सरस्वती ने अपने प्रवचन में सनातन धर्म के मूल्यों—करुणा, सेवा और एकता—का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारत की असली पहचान उसकी सनातन परंपराएँ और आध्यात्मिक धरोहर है।

कार्यक्रम में आईं जानी-मानी कथा वाचिका जया किशोरी जी ने भी श्रद्धालुओं को जीवन में धर्म, भक्ति और सदाचार अपनाने का संदेश दिया। उनका प्रवचन शांत वातावरण में ऊर्जा का संचार करता रहा।
उनका संदेश था—
“सनातन केवल धर्म नहीं, जीवन जीने की पवित्र पद्धति है।”
त्याग–तपस्या की झलक लिए आगे बढ़ती पदयात्रा
“सनातन एकता पदयात्रा 2.0” का उद्देश्य समाज में अध्यात्म, शांति और एकजुटता को बढ़ावा देना है।
हर पड़ाव पर भक्तों की भारी संख्या इस यात्रा के प्रति जनसमर्थन और आस्था को दर्शाती है।
यात्रा के दौरान साधु-संत, कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और हर वर्ग के लोग जुड़ते जा रहे हैं।
राजपाल यादव ने साझा की दिल की बात

कार्यक्रम के दौरान मशहूर अभिनेता राजपाल यादव भी मंच पर पहुंचे।
उन्होंने सनातन संस्कृति की मर्यादा, प्रेम और आपसी सद्भाव पर जोर देते हुए कहा कि धर्म का मूल संदेश “मानवता” है।
उनकी सरल, सजीव और भावुक अभिव्यक्ति ने उपस्थित भीड़ को प्रभावित किया।
वृंदावन में होगा भव्य समापन
16 नवंबर को श्री बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन में इस विशाल पदयात्रा का समापन होगा।
आयोजकों के अनुसार, अंतिम दिन लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति की संभावना है और भव्य भजन-संध्या तथा सामूहिक प्रार्थना इसका मुख्य आकर्षण होंगे।












