RNI NO – DELHIN/2015/63701

DCP Liecens No: F-2(N-18)

DL(DG-11)/8084/2015-17

Saturday, 26 Jul 2025 , 6:55 am

RNI NO - DELHIN/2015/63701 | DL(DG-11)/8084/2015-17

Home » देश » SIR: सटीक मतदाता सूची या ‘चुनाव की चोरी’, सीईसी के तर्क में कितना दम?

SIR: सटीक मतदाता सूची या ‘चुनाव की चोरी’, सीईसी के तर्क में कितना दम?

बिहार में SIR प्रक्रिया को लेकर बहस तेज़ हो गई है। क्या यह सटीक मतदाता सूची बनाने की कवायद है या राहुल गांधी के अनुसार ‘चुनाव की चोरी’ की कोशिश? जानिए CEC के तर्क और उस पर उठे सवाल।

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर को ‘चुनाव चोरी’ क़रार दिया जा रहा है तो मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार कह रहे हैं कि चुनाव आयोग किसी भी दबाव में आकर मृतकों, स्थायी रूप से पलायन कर चुके लोगों या एक से अधिक स्थानों पर मतदाता के रूप में पंजीकृत व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं कर सकता। तो सवाल है कि क्या सच में एसआईआर से यही काम हो रहा है या फिर विपक्ष के आरोपों के अनुसार वैध मतदाताओं के नाम हटाए जाने की साज़िश है?

इस सवाल का जवाब जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर चुनाव आयोग ने क्या कहा है। बिहार में चल रहे एसआईआर अभियान के तहत घर-घर जाकर की गई जाँच में अब तक 52 लाख से अधिक मतदाता अपने पते पर मौजूद नहीं पाए गए, जबकि 18 लाख मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है। इसके अलावा, 7 लाख मतदाता ऐसे हैं जो दो स्थानों पर पंजीकृत हैं और 1 लाख मतदाताओं का कोई पता नहीं चल सका। सीईसी ने सवाल उठाया, ‘क्या चुनाव आयोग को ऐसे मतदाताओं को सूची में बनाए रखना चाहिए? क्या यह संविधान के खिलाफ नहीं है?’
संबंधित समाचार
Rudra ji