अमित शाह के वक्तव्य पर कांग्रेस का तीखा हमला, प्रियांक खरगे ने जताया विरोध
संसद के भीतर एक बार फिर तीखी राजनीतिक बहस देखने को मिली, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान पर कांग्रेस नेताओं ने कड़ा ऐतराज जताया। कांग्रेस का आरोप है कि जिस अंदाज में यह बयान दिया गया, उसने संसद की गरिमा और लोकतांत्रिक परंपराओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसी को लेकर कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे खुलकर सामने आए और सरकार पर तीखा हमला बोला।
प्रियांक खरगे ने कहा कि संसद देश का सर्वोच्च लोकतांत्रिक मंच है, जहां गंभीर मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए, न कि ऐसे बयान दिए जाने चाहिए जो लोकतंत्र को “तमाशा” बना दें। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष बार-बार संसदीय मर्यादाओं की अनदेखी कर रहा है और विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अमित शाह के बयान में संवैधानिक संस्थाओं और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को हल्के में लेने की झलक मिलती है। प्रियांक खरगे ने यह भी कहा कि सरकार बहस से भाग रही है और वास्तविक मुद्दों—जैसे महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक तनाव—से ध्यान हटाने के लिए ऐसे बयान दिए जा रहे हैं।
वहीं, सत्ता पक्ष की ओर से कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज किया गया है। सरकार का कहना है कि विपक्ष बेवजह बयान को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहा है और संसद की कार्यवाही को बाधित करना चाहता है। भाजपा नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को लोकतंत्र की चिंता तब याद आती है, जब उसकी राजनीति कमजोर पड़ती है।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद सदन में कुछ समय के लिए हंगामे की स्थिति बन गई। विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी की और जवाबदेही की मांग की, जबकि सत्ता पक्ष ने कार्यवाही आगे बढ़ाने पर जोर दिया।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है, क्योंकि संसद सत्र के दौरान पहले से ही कई संवेदनशील विषयों पर टकराव की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में यह विवाद सरकार और विपक्ष के बीच बढ़ते टकराव का एक और उदाहरण बनकर सामने आया है।












