सुप्रीम कोर्ट : मतदाता सूची पुनरीक्षण में आधार और EPIC को मान्यता न देने पर निर्वाचन आयोग से जवाब तलब
नई दिल्ली, 29 जुलाई 2025:
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार में चल रही मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान आधार और मतदाता पहचान पत्र (EPIC) को वैध पहचान दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने में निर्वाचन आयोग की अनिच्छा पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने निर्वाचन आयोग की स्थिति पर आश्चर्य जताते हुए टिप्पणी की, “धरती पर ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है जिसे जाली नहीं बनाया जा सकता।” इसके साथ ही कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से यह स्पष्ट करने को कहा कि जब मतदाता पंजीकरण फॉर्म में पहले से आधार नंबर की मांग की जा रही है, तो फिर उसे पूर्ण रूप से मान्यता देने में हिचक क्यों है।
पीठ ने यह भी संकेत दिया कि आयोग को यह तय करना होगा कि वह पहचान के दस्तावेजों को लेकर दोहरा मापदंड क्यों अपना रहा है। कोर्ट का कहना था कि अगर आधार और EPIC (Electors Photo Identity Card) विश्वसनीय नहीं माने जाते, तो फिर किन दस्तावेजों को आयोग पूरी तरह स्वीकार कर रहा है?
इस मामले की अगली सुनवाई जल्द तय की जाएगी, लेकिन कोर्ट के रुख से स्पष्ट है कि मतदाता सूची की शुद्धता के साथ-साथ दस्तावेज़ों की मान्यता पर आयोग को अपना पक्ष स्पष्ट और तर्कसंगत तरीके से रखना होगा।