“बिहार की सुशासनी छवि का पर्दा उतर चुका है”: तेजस्वी यादव का मुख्यमंत्री पर तीखा हमला
पटना | रिपोर्ट:
बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमाई हुई है। राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए सरकार पर भ्रष्टाचार, जातिवाद और अपराधियों से गठजोड़ जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। तेजस्वी ने एक विस्तृत बयान में कहा कि बिहार में बीते दो दशकों में मीडिया मैनेजमेंट के बल पर जो ‘सुशासन’ की छवि बनाई गई थी, वह अब पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।
➤ ट्रांसफर-पोस्टिंग को बताया ‘उद्योग’, आरोप- DK टैक्स से चलता है प्रशासन
➤ मुख्यमंत्री पर जातिवाद, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलता का आरोप
➤ अपराधियों के बेखौफ तांडव पर बोले – पुलिसिंग को कुंद कर दिया गया है
“DK टैक्स बना है भ्रष्टाचार का स्थायी ढांचा”
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बिहार की नौकरशाही में ट्रांसफर और पोस्टिंग अब ‘DK टैक्स’ नामक अघोषित कर के आधार पर होती है। इसका मतलब है कि जो अधिकारी ‘उचित राशि’ चुकाता है, वही फील्ड की ताकतवर पोस्टिंग प्राप्त करता है।
“जाति, धर्म और DK टैक्स के आधार पर अफसरों की नियुक्ति होती है। योग्यता और ईमानदारी अब सरकार के शब्दकोश से गायब हो चुके हैं।” — तेजस्वी यादव
तेजस्वी का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब राज्य में लगातार अपराध की घटनाएं, दलित उत्पीड़न, प्रशासनिक पक्षपात और भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि इस सरकार में ईमानदार अधिकारियों को हाशिये पर डाल दिया जाता है क्योंकि वे राजनीतिक आदेशों पर काम नहीं करते।
“बिहार में कानून व्यवस्था समाप्त, अपराधी बेखौफ”
तेजस्वी यादव ने कहा कि आज बिहार में अपराधी न सिर्फ सड़कों पर, बल्कि थानों, अस्पतालों, यहां तक कि अदालतों में घुसकर हत्याएं कर रहे हैं। इसका कारण उन्होंने बिहार पुलिस की कमजोर मारक क्षमता को बताया।
“थानों की पोस्टिंग अब एक वसूली अधिकार बन गई है। ईमानदार पुलिस अफसरों को साइडलाइन कर दिया गया है।”
उन्होंने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि जो भी अधिकारी संविधान सम्मत कार्य करना चाहता है, उसे ‘राजनीतिक बंदी’ बना दिया जाता है।
गरीब, किसान और छात्र हो रहे हैं शोषित
अपने बयान में तेजस्वी ने सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी सरकार पर हमला बोला:
गरीब – पेंशन के लिए महीनों भटकते हैं
किसान – मुआवजे के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाते हैं
विद्यार्थी – छात्रवृत्ति के लिए अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाते हैं
उन्होंने कहा कि इन सभी वर्गों को काम करवाने के लिए ‘प्रीपेड टैक्स’ यानी रिश्वत देनी पड़ती है।
तेजस्वी की नीतीश को दो टूक सलाह
अपने बयान के अंत में तेजस्वी ने मुख्यमंत्री को सीधे शब्दों में सलाह दी:
“राज्य को धर्म, जाति, DK टैक्स और चाटुकारिता से नहीं, बल्कि योग्यता, ईमानदारी और दक्षता से चलाइए। अगर सोच नहीं बदली, तो इतिहास आपको बीजेपी के इशारों पर चलने वाले असफल शासक के रूप में याद रखेगा।”
राजनीतिक संकेत और असर
तेजस्वी यादव का यह बयान आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक हमले की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। इससे पहले भी वे बार-बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बीजेपी की कठपुतली करार देते रहे हैं। मगर इस बार उन्होंने जो DK टैक्स और ट्रांसफर-पोस्टिंग उद्योग का आरोप लगाया है, वह सरकार के प्रशासनिक ढांचे पर सीधा हमला है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि विपक्ष इसे सही ढंग से जनता के बीच लेकर जाता है, तो यह 2025 बिहार विधानसभा चुनावों में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है।
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नेशनल कैपिटल टाइम्स