अक्षरधाम से लेकर ITO तक जहरीली हवा का कहर, AQI 490 पार; सड़कों पर वाहन धीमी चाल में चलते दिखे
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में पिछले दो दिनों से बढ़ते प्रदूषण और घने कोहरे ने जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। राजधानी के प्रमुख इलाकों जैसे अक्षरधाम, ITO, द्वारका और रिंग रोड में दृश्यता कई जगहों पर 50–100 मीटर तक सीमित हो गई है। सुबह और शाम के समय यातायात लगभग रेंगती गति में चल रहा है, जिससे लंबी ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है।
हरियाणा और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों से आने वाली धूल और उद्योगों से निकलने वाले धुएँ के कण दिल्ली-NCR के हवा की गुणवत्ता को और अधिक खराब कर रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार AQI (Air Quality Index) की रीडिंग कई इलाकों में 490 के पार पहुँच चुकी है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आती है। इससे बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन रोगों से प्रभावित लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ गया है।
राजधानी प्रशासन ने लोगों से घर से अनावश्यक बाहर न निकलने की सलाह दी है और विशेष रूप से बच्चों व बुजुर्गों को मास्क पहनने के निर्देश दिए हैं। स्कूलों में शारीरिक गतिविधियों को कम करने और बाहरी खेलों पर रोक लगाने की सिफारिश की गई है। वहीं, यातायात पुलिस ने कोहरे के बीच सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्रमुख मार्गों पर अतिरिक्त पेट्रोलिंग और मार्गदर्शन शुरू किया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मौसमी बदलाव, ठंडी हवाओं का रुकना और पुराने वाहनों व उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषक तत्वों का मिलना इस संकट का मुख्य कारण है। आने वाले कुछ दिनों में तापमान में बदलाव और हवा की गति में बढ़ोतरी न होने पर स्थिति और गंभीर हो सकती है।
नागरिकों से अपील की गई है कि वे प्रदूषण कम करने के उपाय अपनाएं, जैसे वाहन साझा करना, निजी वाहन का कम इस्तेमाल और फसल जलाने जैसी गतिविधियों से बचना। दिल्ली-NCR में प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को लागू करना अभी भी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है और विशेषज्ञ इसे गंभीर स्वास्थ्य संकट मान रहे हैं।












