अमेरिकी वायुसेना की कार्रवाई के पश्चात ईरान का इजरायल पर आक्रमण
अमेरिका की हवाई हमले के बाद इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने यह पुष्टि की है कि ईरान ने रविवार सुबह इजरायल पर 30 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें लॉन्च कीं। इन हमलों में लगभग 16 लोग घायल बताए जा रहे हैं, और कई भवनों को नुकसान पहुँचा है। आपातकालीन सेवा मैगन डेविड एडोम (एमडीए) के मुताबिक इन मिसाइल हमलों में दो बच्चे हल्की चोटें आई हैं, जिन्हें तेल अवीव के इचिलोव मेडिकल सेंटर में उपचार के लिए लाया गया है।
ईरान के ‘परमाणु ऊर्जा संगठन’ ने कहा है कि उसकी परमाणु स्थलों पर हमले ‘अंतरराष्ट्रीय कानून’ का उल्लंघन करते हैं। फिर भी, संगठन ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इन हमलों से कितना नुकसान हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिकी फौज ने ईरान के फोर्डो, एस्फाहान और नतांज परमाणु केंद्रों पर हमले किये। यह हमला रविवार को सुबह 4.30 बजे (भारतीय समय के अनुसार) हुआ।
‘या तो शांति स्थापित होगी या दुष्कर स्थिति’: डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी हमले के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्र के सामने बात की। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका का लक्ष्य ईरान की ‘न्यूक्लियर एनरिचमेंट क्षमता’ को नष्ट करना था। यूएस चाहता था कि ईरान के परमाणु खतरे को समाप्त किया जाए। ईरान पर हवाई हमले के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 40 वर्षों से ईरान, अमेरिका के खिलाफ गतिविधियाँ कर रहा है। कई अमेरिकी इस घृणा का शिकार बन चुके हैं, इसलिए उन्होंने निश्चय किया है कि अब यह और सहन नहीं करेंगे। ट्रंप ने कहा, “या तो शांति होगी या तबाही।” अभी कई लक्ष्य बाकी हैं। “यदि जल्दी शांति स्थापित नहीं की गई, तो हम और अधिक सटीक हमले करके अन्य लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।” इसके साथ ही ट्रंप ने कहा कि जो लक्ष्य चुने गए थे, वे बेहद चुनौतीपूर्ण थे।