इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि उनके देश को विश्वास बहाली के उपाय के रूप में ‘जांच के दायरे में आए व्यक्तियों’ को भारत को प्रत्यर्पित करने में कोई आपत्ति नहीं है बशर्ते नयी दिल्ली इस प्रक्रिया में सहयोग करने की इच्छा दिखाए. ‘डॉन अखबार’ की खबर के अनुसार, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल ने शुक्रवार को अल जजीरा के साथ एक साक्षात्कार में यह टिप्पणी की. खबर में कहा गया कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) प्रमुख हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) प्रमुख मसूद अजहर को संभावित समझौते और सद्भावनापूर्ण रुख के तहत भारत को प्रत्यर्पित करने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए बिलावल ने यह टिप्पणी की.
बिलावल ने कहा कि इन ‘व्यक्तियों’ के खिलाफ मुकदमे वाले मामले पाकिस्तान से संबंधित थे, जैसे कि आतंकवादी गतिविधियों का वित्तपोषण. हालांकि, उन्होंने कहा कि सीमा पार आतंकवाद के लिए उन पर मुकदमा चलाना मुश्किल था क्योंकि दिल्ली की ओर से बुनियादी चीजों का ‘अनुपालन’ नहीं किया गया. उन्होंने कहा, ‘‘भारत कुछ बुनियादी चीजों का पालन करने से इनकार कर रहा है जिसकी दोषसिद्धि के लिए आवश्यकता होती है. यह महत्वपूर्ण है … इन अदालतों में सबूत पेश करना, लोगों को भारत से गवाही देने के लिए आना, जो भी जवाबी आरोप लगेंगे उन्हें सहन करना.”