RNI NO – DELHIN/2015/63701

DCP Liecens No: F-2(N-18)

DL(DG-11)/8084/2015-17

Sunday, 03 Aug 2025 , 1:54 am

RNI NO - DELHIN/2015/63701 | DL(DG-11)/8084/2015-17

Home » राज्य » बिहार = BR » बिहार: अवैध शराब के खिलाफ महिलाओं का बड़ा मोर्चा, हजारों शिकायतें पहुंचीं प्रशासन तक

बिहार: अवैध शराब के खिलाफ महिलाओं का बड़ा मोर्चा, हजारों शिकायतें पहुंचीं प्रशासन तक

बिहार: अवैध शराब के खिलाफ महिलाओं का बड़ा मोर्चा, हजारों शिकायतें पहुंचीं प्रशासन तक

बिहार: अवैध शराब के खिलाफ महिलाओं का बड़ा मोर्चा, हजारों शिकायतें पहुंचीं प्रशासन तक

पटना।
बिहार में 2016 से लागू पूर्ण शराबबंदी कानून अब राज्य की महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के कारण और अधिक प्रभावशाली होता जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस महत्वाकांक्षी योजना को लागू कराने में जहां पुलिस और मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग सतत कार्रवाई कर रहे हैं, वहीं अब बिहार की महिलाएं भी इस अभियान की मजबूत कड़ी बन गई हैं।

महिलाओं का साहसिक कदम

शराबबंदी कानून का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और घरेलू हिंसा पर लगाम लगाना था। दिलचस्प बात यह है कि बिहार की महिलाएं इस अभियान को केवल समर्थन ही नहीं दे रही हैं, बल्कि अब वे इसके सबसे मजबूत सिपाही के रूप में सामने आई हैं। अवैध शराब की तस्करी और सेवन के खिलाफ महिलाएं अब खुलकर आवाज उठा रही हैं और प्रशासन को सीधे शिकायतें भेज रही हैं।

हर दिन सैकड़ों कॉल, महिलाएं खुद दर्ज करा रही हैं शिकायतें

मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा जारी टोल-फ्री नंबर 15545 और 18003456268 पर प्रतिदिन औसतन 200 से 300 कॉल प्राप्त हो रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इन कॉल्स में अधिकांश शिकायतें महिलाएं खुद अपने परिवार के सदस्यों — पति, पिता, बेटे या अन्य रिश्तेदारों — के खिलाफ कर रही हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि अब महिलाएं सामाजिक बुराइयों के खिलाफ चुप बैठने के बजाय सीधा मोर्चा संभाल रही हैं।

आंकड़ों में दिख रही है सक्रियता

विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 से जून 2025 तक कुल 1211 महिलाओं ने शराब से जुड़ी शिकायतें दर्ज कराई हैं।
महीनेवार आंकड़े इस प्रकार हैं:

जनवरी: 270 शिकायतें

फरवरी: 223 शिकायतें

मार्च: 212 शिकायतें

अप्रैल: 167 शिकायतें

मई: 150 शिकायतें

जून: 189 शिकायतें

यह सिलसिला लगातार जारी है, और महिलाओं की बढ़ती भागीदारी से साफ है कि वे अब शराब के दुष्प्रभावों को बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं हैं।

प्रशासन कर रहा सख्त कार्रवाई

मद्य निषेध विभाग का कहना है कि महिलाओं द्वारा की गई शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर गंभीरता से लिया जाता है। जिन शिकायतों में तस्करी या सेवन की सूचना मिलती है, वहां तत्काल पुलिस और विभागीय टीमें भेजकर छापेमारी की जाती है। कई मामलों में मौके से शराब की बड़ी खेप भी बरामद की गई है और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की गई है।

सामाजिक बदलाव की मिसाल

बिहार में यह स्थिति समाज में सकारात्मक बदलाव की मिसाल बनती जा रही है। पहले जहां महिलाएं शराब के कारण घरेलू हिंसा और सामाजिक अपमान झेलने को मजबूर होती थीं, अब वे न सिर्फ मुखर हो रही हैं, बल्कि कार्रवाई भी सुनिश्चित करवा रही हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई बार अपने संबोधनों में यह कह चुके हैं कि शराबबंदी का सबसे बड़ा समर्थन उन्हें राज्य की महिलाओं से मिल रहा है। अब यह समर्थन एक सशक्त आंदोलन में बदलता दिख रहा है।

बिहार में महिलाओं की यह सक्रियता न केवल शराबबंदी कानून को सफल बना रही है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन सकती है कि जब महिलाएं किसी सामाजिक कुरीति के खिलाफ एकजुट होती हैं, तो परिवर्तन निश्चित है।

संबंधित समाचार
Rudra ji