उत्तराखंड में UCC के तहत नि:शुल्क विवाह पंजीकरण का लाभ उठाने के लिए बचे सिर्फ 8 दिन, जल्द करें आवेदन
देहरादून, जुलाई 2025:
उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना जिसने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) 2024 को लागू कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इसके तहत विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और संपत्ति से जुड़े नियमों को एक समान कानूनी ढांचे में लाया गया है — जो सभी धर्मों और समुदायों पर समान रूप से लागू होंगे।
UCC के अंतर्गत अब विवाह पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। इसी के अंतर्गत सरकार की ओर से सीमित अवधि तक नि:शुल्क विवाह पंजीकरण सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए नागरिकों के पास अब सिर्फ 8 दिन शेष हैं।
क्या है यह व्यवस्था?
उत्तराखंड सरकार ने 2024 में UCC को लागू करते हुए यह निर्देश जारी किया कि राज्य में रहने वाले सभी विवाहित जोड़ों को विवाह का विधिवत पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। पंजीकरण कराने से न केवल दंपती को कानूनी मान्यता मिलेगी, बल्कि इससे संपत्ति विवाद, उत्तराधिकार और पारिवारिक अधिकारों को लेकर संभावित विवादों से भी बचाव होगा।
नि:शुल्क पंजीकरण की सुविधा क्यों?
सरकार का उद्देश्य लोगों को विवाह पंजीकरण के प्रति जागरूक करना और अधिक से अधिक जोड़ों को इस प्रक्रिया में जोड़ना है। इसलिए सीमित अवधि के लिए यह पंजीकरण नि:शुल्क किया गया है।
✅ पंजीकरण पूरी तरह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से संभव है।
✅ आवेदक अपने आधार कार्ड, विवाह प्रमाण (यदि पहले से मौजूद हो), दोनों पक्षों की फोटो, और गवाहों की जानकारी के साथ आवेदन कर सकते हैं।
अंतिम तिथि कब तक है?
यह नि:शुल्क सेवा केवल जुलाई 2025 के अंत तक उपलब्ध है। यानी अब केवल 08 दिन का समय बचा है। इसके बाद यह पंजीकरण तो अनिवार्य रहेगा, लेकिन इसके लिए शुल्क लिया जाएगा।
UCC के अन्य प्रमुख प्रावधानों पर एक नजर:
विवाह की न्यूनतम आयु: पुरुष के लिए 21 वर्ष, महिला के लिए 18 वर्ष अनिवार्य
एक विवाह से अधिक की अनुमति नहीं — बहुविवाह और बहुपतित्व पर रोक
विवाह और तलाक के लिए समान प्रक्रिया
सभी धर्मों पर समान उत्तराधिकार और संपत्ति अधिकार लागू
सरकार की अपील:
राज्य सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस सुविधा का भरपूर लाभ उठाएं और समय रहते अपना विवाह पंजीकरण कराएं। इससे परिवारों को भविष्य में कानूनी और सामाजिक सुरक्षा मिलेगी।
कैसे करें पंजीकरण?
1.राज्य सरकार की वेबसाइट देखें)
2. नजदीकी तहसील कार्यालय या नगर पालिका पंजीकरण केंद्र जाएं
3. आवश्यक दस्तावेज़ जमा करें और फॉर्म भरें
4. प्राप्ति रसीद व विवाह प्रमाण पत्र की कॉपी प्राप्त करें
उत्तराखंड सरकार का यह कदम एक समान, न्यायसंगत और पारदर्शी समाज की ओर बढ़ता महत्वपूर्ण प्रयास है। नागरिकों को चाहिए कि वे समय रहते इस अनूठी पहल में भाग लें और अपने विवाह को कानूनी मान्यता दिलवाएं। कुश