Vijay Rupani Funeral: अहमदाबाद एयर इंडिया विमान हादसे की भयावहता हर किसी के दिल को झकझोर गई, लेकिन इस त्रासदी ने गुजरात को एक और गहरा जख्म दे दिया-राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी अब हमारे बीच नहीं रहे। आज 16 जून की शाम विजय रूपाणी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ राजकोट में किया जा रहा है।
विजय रूपाणी को सोमवार शाम 21 बंदूकों की सलामी दी गई। गार्ड ऑफ ऑनर के बाद उन्हें अंतिम संस्कार के लिए ले जया गया। इस मौके पर विजय रूपाणी के बेटे त्रषभ रूपाणी और उनकी पत्नी अंजलिबेन नम आंखें और भारी दिल के साथ उन्हें आखिरी विदाई दी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत भी मौजूद रहें। अमित शाह ने विजय रूपाणी के घर पहुंच कर श्रद्धांजलि दी।
पिता के अंतिम सफर पर क्या बोले ऋषभ रूपाणी? ऋषभ रूपाणी ने कहा, “यह सिर्फ हमारे परिवार के लिए ही नहीं बल्कि अन्य 270 परिवारों के लिए भी दुख की घड़ी है। मैं इस घटना के दौरान पुलिस, आरोग्य स्टाफ, सिविल डिफेंस, फायर सर्विसेज और आरएसएस कार्यकर्ताओं के बचाव प्रयासों के लिए धन्यवाद देता हूं, जो सराहनीय हैं। मैं पीएम मोदी, सीएम भूपेंद्र पटेल और अन्य नेताओं का भी आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने न सिर्फ हमारे परिवार बल्कि अन्य सभी परिवारों का समर्थन किया और उनके साथ खड़े रहे। मेरे पिता ने अपने 50-55 साल के राजनीतिक जीवन के दौरान कई लोगों के जीवन को छुआ। आज वे सभी लोग हमारे साथ खड़े हैं। पंजाब से भी कई पार्टी कार्यकर्ता अपनी संवेदना व्यक्त करने यहां आ रहे हैं…”
सन्नाटा था… आंखें नम थीं… और दिल भारी सोमवार 16 जून सुबह उनका पार्थिव शरीर परिवार को सौंपा गया। एक चार्टर्ड विमान के जरिए उन्हें उनके शहर राजकोट लाया गया-जहां वो जीवनभर जनसेवा से जुड़े रहे। पुलिस सुरक्षा के बीच जब प्रकाश सोसाइटी स्थित उनके आवास पर शव पहुंचा, वहां मौन था, लेकिन भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। एक घंटे तक उन्हें अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, फिर रामनाथ परा श्मशान घाट की ओर उनके अंतिम सफर की शुरुआत हुई। DNA जांच से शवों की हो रही है शिनाख्त वहीं एयर इंडिया हादसे को 4 दिन बीत चुके हैं, लेकिन वक्त की रफ्तार थम सी गई है। इन चार दिनों में 250 शवों के DNA सैंपल लिए गए हैं। अब तक 119 लोगों की पहचान हो चुकी है, और 74 शव उनके अपनों को सौंपे जा चुके हैं।