झुग्गी में रह रही बेबी कहती हैं, ’35 साल से यहां रह रहें हैं, अब रेलवे कहती है की इसे गिरा देंगे. हम क्या करें अब, कहाँ जाएं, हमारे बच्चों का तो अब भविष्य खराब हो जाएगा.’
‘किराया देंगे तो बच्चों को क्या खिलाएंगे’
बेबी आगे कहती हैं, “यहां बिजली- पानी की सुविधा नहीं है. हम बाहर तिरपाल डाल कर सोते हैं. अब जब झुग्गी गिराने का आदेश है तो घर भी कोई नहीं दें रहा है. किराया इतना महंगा है कि हम उसका वहन नहीं कर सकते क्योंकि अगर हम किराया दे देंगे तो अपने बच्चों को खिलाएंगे और पढ़ाएंगे क्या?.”
‘हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही’
रिक्शा चालक दयाराम को झुग्गी में रहते हुए 35 साल हो गए. उन्होंने एनडीटीवी से कहा, “कमरा खोज- खोज कर परेशान हो गए हैं. कहीं पर कुछ मिलता नहीं है. अब बारिश में हम लोग कहां जाएं? हमारी कहीं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है.”
‘चुनावी वादा पूरा करे बीजेपी’
घर मिलने तक नहीं गिरेगी झुग्गी- विधायक
इधर, रेलवे के झुग्गी गिराने के आदेश पर बीजेपी विधायक तरविंदर सिंह मारवाह ने कहा, ‘हमने झुग्गी वासियों की समस्या केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा को बताई. उन्होंने रेलवे से बात की है, यह झुग्गियां तब तक नहीं हटेंगे जब तक इनके आगे रहने की व्यवस्था नहीं की जाएगी.’
25 झुग्गियों को गिराने का आदेश
जानकारी के अनुसार, रेलवे की ओर से करीब 25 झुग्गियों पर नोटिस चस्पा की गई हैं. झुग्गी वालों पर आरोप है कि इन्होंने रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण किया है. ऐसे में अगर इन्होंने समय पर खाली नहीं किया तो तो मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ेगी. हालांकि, रेलवे से जुड़े सूत्रों की मानें ने तो ट्रेन के संचालन और लोगों की सुरक्षा के लिहाज से यह कार्रवाई जरूरी है. लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि रेलवे द्वारा झुग्गी गिराने के आदेश के बाद यहां के लोगों की समस्या बढ़ गईं है.