व्हाइट हाउस में ट्रंप-एर्दोगन मुलाक़ात: क्या बदलेंगे रिश्तों के मायने?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन को 25 सितंबर को व्हाइट हाउस आमंत्रित किया है। एर्दोगन बतौर राजकीय अतिथि अमेरिका पहुंचेंगे। ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर लिखा – “राष्ट्रपति एर्दोगन और मेरे बीच हमेशा से बहुत अच्छे संबंध रहे हैं। मैं 25 तारीख को उनसे मिलने के लिए उत्सुक हूं।”
हालांकि, ट्रंप के पहले कार्यकाल में दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी भी आई थी। रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने पर अमेरिका ने तुर्की पर प्रतिबंध लगा दिए थे। ऐसे में यह मुलाक़ात कई सवाल खड़े करती है—क्या ट्रंप मुस्लिम देशों में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं?
विशेषज्ञों का मानना है कि मुलाक़ात के पीछे कई रणनीतिक कारण हो सकते हैं—
मध्य-पूर्व और मुस्लिम देशों में अमेरिका की पकड़ बढ़ाना।
रूस-तुर्की-अमेरिका त्रिकोण में नए समीकरण गढ़ना।
इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष में तुर्की की अहम भूमिका को ध्यान में रखना।
अपने दूसरे कार्यकाल की छवि को संतुलित करना।
अब सबकी निगाहें 25 सितंबर की इस हाई-प्रोफाइल मुलाक़ात पर टिकी हैं, जो अमेरिका-तुर्की रिश्तों का नया अध्याय लिख सकती है।