नई दिल्ली: दिल्ली की सड़कों पर गहमागहमी, मजदूरों की चहल-पहल, और रोजमर्रा की जिंदगी के बीच एक ऐसी सच्चाई छिपी है, जो देश की सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी बजा रही है. दरअसल भारत में बैन की गई मैसेजिंग ऐप IMO का इस्तेमाल अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों द्वारा खुलेआम हो रहा है. दिल्ली पुलिस की ताजा कार्रवाई ने इस गंभीर मुद्दे की तरफ एक बार फिर सबका ध्यान खींच लिया, जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों में क्या बात कॉमन
बीते दिसंबर से दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर दिल्ली पुलिस अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई हो रही है. हर दिन पुलिस अलग-अलग इलाकों में डोर-टू-डोर वेरिफिकेशन कैंपेन चला रही हैं. मजदूरों से लेकर नौकरीपेशा लोगों तक, कई अवैध बांग्लादेशी पकड़े जा रहे हैं. इन पकड़े गए सभी लोगों में एक बात कॉमन है—हर किसी के मोबाइल में एक खास ऐप मिला, जिससे वे बांग्लादेश में अपने परिवार और जानकारों से संपर्क में रहते हैं. ये लोग जिस ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं वो एक प्रतिबंधित मैसेजिंग ऐप है.
घरवालों से बात करने के लिए करते हैं इस प्रतिबंधित ऐप का इस्तेमाल
दिल्ली पुलिस ने पिछले छह महीनों में 1,000 से ज्यादा अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को दबोचा है. हैरानी की बात ये है कि इनमें से लगभग सभी IMO ऐप ऐप से ही बातचीत करते पाए गए. उत्तरी-पश्चिमी दिल्ली डीएसपी भीष्म सिंह ने कहा कि हमारी जांच में पाया गया कि ये लोग IMO ऐप का इस्तेमाल करके बांग्लादेश में अपने संपर्कों से जुड़े रहते हैं. यह ऐप उनकी कम्युनिकेशन की मुख्य कड़ी है. मई 2023 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर IMO समेत 14 मैसेजिंग ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था. वजह थी कि इनका इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठनों द्वारा किया जाना. इन ऐप्स की सिक्योरिटी इतनी मजबूत थी कि जांच एजेंसियों को इनके डेटा तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.
प्रतिबंधित ऐप का इस्तेमाल कैसे कर पा रहे बांग्लादेशी
क्या है प्रतिबंधित ऐप IMO, जिसका बांग्लादेशी कर रहे इस्तेमाल
IMO एक फ्री और सिक्योर मैसेजिंग ऐप है. यह वीडियो कॉल, चैट, और इंटरनेशनल कॉल्स को आसान बनाता है. टाइम मशीन, गायब होने वाले मैसेज, प्राइवेट चैट, स्क्रीनशॉट ब्लॉकिंग, और एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन जैसी खूबियां इसे खास बनाती हैं. यही वजह है कि बांग्लादेश में रहने वाले लोग अपने परिजनों और जानकारों से संपर्क के लिए IMO का इस्तेमाल करते हैं. 2023 में बांग्लादेशी यूजर्स ने इस ऐप से 3,580 करोड़ इंटरनेशनल कॉल्स और 101 अरब से ज्यादा मैसेज भेजे. यह आंकड़ा बताता है कि IMO बांग्लादेश की संचार व्यवस्था की लाइफलाइन है.
VPN से लोकेशन बदल जाती है लोकेशन
एक देश की लाइफलाइन कहीं हमारे लिए खतरे की डोर न बन जाए, इसका ध्यान सुरक्षा एजेंसियों को रखना होगा. अवैध तरीके से भारत में प्रवेश और प्रतिबंधित ऐप का इस्तेमाल—दोनों ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं. अगर इस पर समय रहते काबू नहीं पाया गया, तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं.