नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आगामी 1 जुलाई से ऐसे वाहनों को डीजल-पेट्रोल नहीं मिलेगा, जिनकी मियाद पूरी हो चुकी है. डीजल वाहनों के लिए 10 साल और पेट्रोल वाहनों के लिए 15 साल की मियाद तय है. इससे ज्यादा पुराने वाहन अगर सार्वजनिक स्थान पर नजर आएंगे तो उन्हें जब्त कर लिया जाएगा. जुर्माना अलग से लगेगा. इसके लिए दिल्ली के ट्रांसपोर्ट विभाग, एमसीडी और ट्रैफिक पुलिस ने विस्तृत योजना बनाई है. हालांकि पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन इस योजना का विरोध कर रही है.
बताया गया है कि राजधानी दिल्ली में ऐसे 62 लाख वाहन हैं, जिन्हें 1 जुलाई से ईंधन नहीं मिलेगा. इनमें 41 लाख दोपहिया वाहन हैं. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के निर्देश पर 498 पेट्रोल पंपों पर ANPR यानी Automatic Number plate recognition camera system लगा दिया गया है.
पेट्रोल पंप पर ANPR कैमरे करेंगे पहचान
पुरानी गाड़ियां ऐसे होंगी जब्त
- मियाद पूरी कर चुके वाहनों पर ट्रांसपोर्ट विभाग, एमसीडी और ट्रैफिक पुलिस की टीमें नजर रखेंगी.
- पुरानी गाड़ियों की पहचान और कार्रवाई के लिए 200 से ज़्यादा टीमें दिल्ली में अलग अलग जगहों पर तैनात रहेंगी.
- दिल्ली की सभी मुख्य सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस के कैमरों के जरिए ऐसे वाहनों का चालान होगा.
- ऐसी गाड़ियां अगर सार्वजनिक जगहों पर खड़ी मिलीं तो उन्हें सीज कर लिया जाएगा.
- चार पहिया ELV गाड़ियों पर 10 हज़ार रुपये का और दोपहिया पर 5000 रुपये का जुर्माना लगेगा.NCR के शहरों में भी कसेगा शिकंजा
दिल्ली के साथ-साथ गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर और सोनीपत में भी एएनपीआर कैमरे स्थापित किए जा रहे हैं। सूचना दी गई है कि यह कार्य 1 नवंबर तक समाप्त हो जाएगा। इसके बाद इन शहरी क्षेत्रों में पुराने वाहनों के खिलाफ मुहिम चलाई जा सकती है। इसके लिए बड़ी तैयारियां की जा रही हैं.
CAQM के तकनीकी सदस्य विनोद शर्मा ने बताया कि दिल्ली में 28 फ़ीसदी PM 2.5 प्रदूषण और 41 फ़ीसदी SO2 पॉल्यूशन के लिए ये पुरानी गाड़ियां ही ज़िम्मेदार हैं. BS-6 के मुक़ाबले पुरानी BS-4 गाड़ियां साढ़े पांच गुना ज़्यादा प्रदूषण फैलाती हैं.
पेट्रोल पंप डीलर क्यों नाराज़?
दिल्ली पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन ने परिवहन मंत्री पंकज सिंह को पत्र लिखकर बताया है कि सरकार के आदेश में 10-15 साल पुरानी गाड़ियों के लिए ईंधन भरने पर पेट्रोल पंप मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का जिक्र है। ये हमारे लिए स्वीकार्य नहीं है। इससे जरूरी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।एसोसिएशन का कहना है कि Essential commodities act के तहत पेट्रोल देने के लिए मना नहीं किया जा सकता, जो कि आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में आता है. लेकिन जो नया नियम बनाया गया है, उसमें पुराने वाहनों को ईंधन के लिए मना करना पड़ेगा. ऐसे में इस नियम में बदलाव की ज़रूरत है.
‘पुलिस, सिविल डिफेंस कर्मी तैनात हों’
पेट्रोल डीलर एसोसिएशन ने परिवहन मंत्री से मांग की है कि ईंधन न देने पर क़ानून व्यवस्था संबंधी समस्याएं खड़ी हो सकती हैं. ऐसे में कि पेट्रोल पंपों पर पुलिस या सिविल डिफेंस के लोगों को तैनात किया जाए. उनका कहना है कि गाजियाबाद में No helmet no fuel पॉलिसी लागू होने पर एक पेट्रोल कर्मी को गोली मार दी गई थी, इसीलिए कर्मारियों की सुरक्षा ज़रूरी है.