2016 में बंद 500-1000 के नोटों का गलत इस्तेमाल,
पुलिस ने पकड़ा 4 आरोपियों का गिरोह
दिल्ली पुलिस ने हाल ही में 2016 में बंद हुए 500 और 1000 रुपये के नोटों से जुड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास कुल 3.5 करोड़ रुपए के नोट पाए गए। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आरोपियों ने पुराने नोटों का उपयोग अवैध लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया।
जानकारी के अनुसार, गिरोह पुराने नोटों को बाजार में बदलने और नकली लेन-देन के माध्यम से वैध दिखाने का प्रयास कर रहा था। आरोपियों ने नोटों को अलग-अलग पत्तियों और पैकेजिंग में छिपाकर कई स्थानों पर रखा था, ताकि पकड़ने पर सबूत न मिलें। इस प्रकार के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए पुलिस ने विशेष टीमें बनाई और लंबे समय तक निगरानी के बाद कार्रवाई की।
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में यह भी पता चला कि वे पुराने नोटों के नेटवर्क के जरिए दिल्ली और आसपास के इलाकों में नोट सप्लाई कर रहे थे। पुलिस के मुताबिक, नोटों के असली स्रोत और वित्तीय लेन-देन की पूरी श्रृंखला की जांच अभी चल रही है।
इस घटना से एक बार फिर नकदी और अवैध लेन-देन के मामलों पर कड़ी निगरानी की आवश्यकता सामने आई है। अधिकारियों ने कहा कि पुराने नोटों के अवैध उपयोग से आर्थिक प्रणाली को नुकसान हो सकता है और ऐसे अपराधों में कठोर कार्रवाई की जाएगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि पुराने नोटों की जाँच और डिजिटल भुगतान के बढ़ते विकल्प इस तरह की घटनाओं को रोकने में मदद कर सकते हैं। पुलिस ने जनता से अपील की है कि यदि किसी को संदिग्ध नकदी लेन-देन दिखे तो तुरंत संबंधित थाने या हेल्पलाइन पर जानकारी दें।












