प्रदूषण नियंत्रण अधूरी, कोहरे के साथ बढ़ा जोखिम;
दिल्ली-NCR में सर्दी में स्वास्थ्य और ट्रैफिक मुश्किल
दिल्ली-NCR में सर्दियों का मौसम आते ही कोहरा और प्रदूषण दोहरी चुनौती बनकर सामने आया है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रदूषण नियंत्रण के उपाय प्रभावी ढंग से लागू नहीं हुए, तो आने वाले हफ्तों में स्वास्थ्य और यातायात संबंधी समस्याएं और बढ़ सकती हैं।
कोहरे के कारण दृश्यता में कमी हो जाती है, जिससे सड़क हादसों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, कोहरे में प्रदूषक कण लंबे समय तक वायु में रहते हैं, जिससे श्वसन संबंधी रोग, अस्थमा और एलर्जी जैसी परेशानियाँ अधिक हो सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों के लिए यह मौसम खतरनाक साबित हो सकता है।
प्रदूषण के उच्च स्तर के कारण दिल्ली-NCR के आस-पास के इलाके भी प्रभावित हैं। इससे सर्दियों में धुंध के साथ हवा में जहरिल तत्व बढ़ जाते हैं, जो फेफड़ों और हृदय स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालते हैं। विशेषज्ञों ने लोगों को मास्क पहनने, एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने और बाहर अनावश्यक समय बिताने से बचने की सलाह दी है।
ट्रैफिक विभाग ने भी सुरक्षा उपायों को तेज किया है। सड़क हादसों को रोकने के लिए वाहन चालकों से धीमी गति, हेडलाइट चालू रखने और सुरक्षित दूरी बनाए रखने की अपील की गई है। प्रशासन ने कोहरे और प्रदूषण से निपटने के लिए आपातकालीन योजना तैयार की है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि लोगों ने सुरक्षा नियमों का पालन किया और प्रदूषण नियंत्रण में सहयोग किया, तो सर्दियों में स्वास्थ्य संबंधी और यातायात कठिनाइयों को कम किया जा सकता है।












