प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा को दी श्रद्धांजलि, कहा- उनके बलिदान से देश को मिली नई चेतना
नई दिल्ली, 9 जून 2025:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्वतंत्रता संग्राम के महानायक भगवान बिरसा मुंडा जी के बलिदान दिवस पर उन्हें आदरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने आदिवासी समुदाय के अधिकारों की रक्षा और सामाजिक न्याय के लिए जो संघर्ष किया, वह आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरणा देता रहेगा।
प्रधानमंत्री ने अपने आधिकारिक संदेश में लिखा:
“भगवान बिरसा मुंडा जी को उनके बलिदान दिवस पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। आदिवासी भाई-बहनों के कल्याण और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका त्याग और समर्पण देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।”
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर यह भी कहा कि सरकार भगवान बिरसा मुंडा के दिखाए मार्ग पर चलकर जनजातीय समुदाय के सशक्तिकरण के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बीते वर्षों में जनजातीय समाज को शिक्षा, स्वास्थ्य, और अधिकारों के क्षेत्र में आगे लाने के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं।
भगवान बिरसा मुंडा: एक परिचय
भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड के उलीहातू गांव में हुआ था। वे एक धार्मिक नेता, सामाजिक सुधारक, और क्रांतिकारी योद्धा थे।
उन्होंने ब्रिटिश शासन और ज़मींदारी प्रथा के खिलाफ जनजातीय समाज को एकजुट कर एक बड़ा आंदोलन चलाया।
उनका सबसे बड़ा योगदान था – “उलगुलान” यानी “महाविद्रोह”, जो 19वीं सदी में आदिवासी चेतना का प्रतीक बना।
9 जून 1900 को रांची जेल में महज 25 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली, लेकिन उनका नाम इतिहास में अमर हो गया।
जनजातीय गौरव दिवस की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने 15 नवंबर को, जो भगवान बिरसा मुंडा का जन्मदिन है, जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित किया है। इसका उद्देश्य जनजातीय समाज के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को राष्ट्रीय पहचान देना है।
देशभर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम
भगवान बिरसा मुंडा के बलिदान दिवस पर आज देशभर में श्रद्धांजलि सभाएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और जनजागरूकता रैलियां आयोजित की जा रही हैं। स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं।