ईरान और इजरायल के बीच हाल में हुई 12 दिनों की इस लड़ाई ने पश्चिम एशिया की राजनीतिक और सुरक्षा स्थिति को हिलाकर रख दिया। दो देशों के बीच का यह संघर्ष केवल एक साधारण टकराव नहीं था। इस युद्ध में दोनों देशों ने अपने सबसे घातक हथियारों का व्यापक उपयोग किया, जिसके कारण दोनों देशों में व्यापक विनाश हुआ। यह लड़ाई केवल मिसाइल और ड्रोन तक नहीं रह गई, बल्कि साइबर हमले, परमाणु स्थलों पर हमले और सैनिक ठिकानों तक पहुंच गई। इस युद्ध में सबसे अधिक हानि ईरान को हुई है। 13 जून को इजरायल ने ‘राइजिंग लायन’ नामक एक गुप्त अभियान के तहत ईरान के विभिन्न महत्वपूर्ण सैन्य और परमाणु स्थलों पर हमला किया। ईरान के कम से कम 200 से अधिक सैनिक, तकनीकी विशेषज्ञ और वरिष्ठ रिवोल्यूशनरी गार्ड के अधिकारी हुए मरे। इसमें कुछ प्रमुख वैज्ञानिकों के हत्या होने की भी घटना हुई। इसके अतिरिक्त कई ठिकानों को नष्ट कर दिया गया।
2) वाशिंगटन स्थित मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने पूरे ईरान के आंकड़े प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने कहा कि मृतकों में 380 नागरिक और 253 सुरक्षा बल के सदस्य हैं।
3) शनिवार (21 जून, 2025) को ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इजरायली हमलों में करीब 400 ईरानी मारे गए और 3,056 अन्य घायल हुए।
4) ईरान संघर्ष के दौरान मरने वालों की संख्या नियमित रूप से नहीं बताता है और उसने अतीत में हताहतों की संख्या कम कर के प्रस्तुत की है।
5) इजरायल के हमलों में ईरान के कई प्रमुख सैन्य कमांडर, परमाणु वैज्ञानिक, नागरिक और IRGC के प्रमुख शामिल थे। तेहरान से 1 लाख से अधिक लोग भागकर उत्तर की ओर गए, जबकि युद्ध से पहले (जनवरी 2025 तक) ईरान की अर्थव्यवस्था 3.5% ग्रोथ पर चल रही थी।
6) युद्ध के बाद, IMF और Oxford Economics का अनुमान है कि GDP वृद्धि घटकर केवल 0.3% रह गई है। तेल और गैस क्षेत्र को हानि:
7) ईरान की अर्थव्यवस्था का 60% भाग तेल और गैस निर्यात से जुड़ा है। 12 दिनों की हमलों में 3 प्रमुख तेल रिफाइनरी और पाइपलाइन प्रभावित हुईं। उत्पादन में करीब 35% कमी और निर्यात में 10-12 अरब डॉलर का संभावित घाटा।
ईरान ने इजरायल पर हजारों विनाशकारी हमले किए। इनमें से अधिकांश को इजरायल के शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम, आयरन डोम, ‘डैविड्स स्लिंग’ और ‘एरो सिस्टम’ ने हवा में ही नष्ट कर दिया है। हालांकि, कुछ मिसाइलें और ड्रोन आवासीय क्षेत्रों में गिरे, जिससे इजरायल में काफी नुकसान हुआ है, 25 से अधिक लोगों की मौत और 200 से ज्यादा घायल होने की जानकारी मिली है। रमात अविव में 20+, बैट याम में 9–10, और टेल अविव/हैइफा में कुल 24 की पुष्टि हुई है। अस्पताल (सोरोका), आवासीय भवन, रक्षा मंत्रालय, और अवसंरचना को भारी क्षति पहुंची है, जिसमें हजारों लोग अस्थायी रूप से बेघर हो गए हैं। वहीं ईरान के मिसाइल हमले ने इजरायल के वीज़मैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस को बड़ा नुकसान पहुँचाया है. वीज़मैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस पर हुए नुकसान को इजरायल के लिए गंभीर धक्का माना जा रहा है।